Vastu Tips for Good Health : बहुत बार ऐसा होता है कि अच्छे खानपान, अच्छी दिनचर्या और तमाम सावधानियां रखने के बावजूद घर का कोई न कोई सदस्य बीमार बना रहता है। परिवार में बीमार कोई भी हो, तनाव सबको रहता है। क्योंकि कोई भी अपने परिजनों को कष्ट में नहीं देखना चाहता। ऐसे में यह भी संभव है कि आपके मकान और उसकी व्यवस्थाओं में ही वास्तु की दृष्टि से कोई दोष हो जो बीमारियों का कारण बन रहा हो। ऐसे में वास्तुशास्त्र की बताए तरीकों से कुछ सामान्य से ये बदलाव करके आप देख सकते हैं।
1. आजकल ज्यादातर लोग इस बात का ख्याल रखते हैं कि जो घर लिया जाए वो साउथ फेस वाला न हो। अगर आपका घर साउथ फेसिंग है या घर का स्लोप दक्षिण दिशा की ओर है तो घर वालों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। थोड़ी सी तोड़फोड़ करनी पड़ेगी लेकिन इसमें सुधार करवा लें।
2. अगर आपने अपने घर में जैनरेटर लगवा रखा है तो चैक करें कि कहीं यह उत्तर पूर्वी दिशा में तो नहीं है? ऐसा होना भी स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है।
3. आजकल घर को माॅर्डन लुक देने के लिए घर के सेंटर से सीढ़ियाँ निकलवाने का ट्रेंड चल पड़ा है। ऐसी सीढ़ियों को वास्तुशास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना गया है। संभव हो तो इसे बदल डालें । घर के सेन्टर में सीढ़ियां होने से कभी कभी सेहत पर बहुत नकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं।
4. इसी तरह घर के सेंटर में ज्यादा फर्नीचर भी नहीं रखना चाहिए। ज्यादा फर्नीचर एनर्जी का फ्लो रोकता है। इसका भी परिजनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। कोशिश करें कि घर के सेंटर में ज्यादा पिलर न बनवाए जाएं।
5. वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम की लोकेशन बहुत सोच- समझ कर तय की जानी चाहिए। इसे कभी भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम में नहीं बनवाना चाहिए।इसे उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। बाथरूम किचन के सामने या उसके बगल में भी नहीं होना चाहिए। और हमेशा बाथरूम के इस्तेमाल के बाद ध्यान से उसके दरवाजे कुंडी लगाकर बंद करने चाहिए।
6. अगर आप खुद अपना घर डिज़ाइन करवा रहे हैं तो वास्तु के अनुसार ध्यान रखें कि सबसे अच्छी रसोई की स्थिति आपके घर के दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में है।
7. कोशिश करें कि खाना खाते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो। इससे पाचन अच्छा रहता है।
8. वास्तु किचन में वाॅटर फिल्टर को ईशान कोण में फिट करने की सलाह देता है। यह स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा होता है। सूर्य की रोशनी सबसे पहले इसी दिशा में पड़ती है और इससे पानी जीवाणुरहित रहता है।
9. अगर घर में पहले ही कोई बीमार है तो उसके कमरे में उत्तर पूर्व दिशा में मोमबत्ती जलानी चाहिए।
10 . आप घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल रंग का बल्ब लगाएं और इसे रोज़ जलाएं,वास्तुशास्त्र के अनुसार इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
11. बैडरूम की दराजों में यूज़लेस चीज़ें इकट्ठी न होने दें। क्योंकि इससे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बीमारियां, अवसाद बढ़ने का डर रहता है।
12. अगर परिवार में कोई हाई ब्लड प्रेशर का मरीज है तो उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित बेडरूम में नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में ब्लड प्रेशर और बढ़ने का खतरा है।
13. अगर बैडरूम की छत पर बीम लगी है तो बैड उसके ठीक नीचे नहीं होना चाहिए।अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस वास्तु नियम का ध्यान ज़रूर रखा जाना चाहिए।
14. मुख्य द्वार के दरवाजे में कभी भी कोई दरार या टूट-फूट नहीं होनी चाहिए। वर्ना नकारात्मक ऊर्जा घर करती है।