World Meteorological Organization : विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत,चीन,बांग्लदेश और नीदरलैंड में समुद्री जल स्तर बढ़ गया है। जिससे खतरा बढ़ गया है। सयुंक्त राष्ट महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनियाभर को जलवायु परिवर्तन को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है की, “मुंबई और नूयॉर्क न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों को समुद्र के बढ़ते जलस्तर से गंभीर प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में वैश्विक समुदाय को जलवायु संकट से निपटने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।” उन्होंने कहा कि “समुद्र के बढ़ते जलस्तर भविष्य को डूबा रहे हैं। समुद्र के स्तर में वृद्धि अपने आप में एक खतरा है।”
रिपोर्ट में ये कहा गया कि बढ़े हुए समुद्री जल स्तर से अलग-अलग महाद्वीपों के कई बड़े शहर डूब सकते हैं। इनमें शंघाई, ढाका, बैंकॉक, जकार्ता, मुंबई, मापुटो, लागोस, काहिरा, लंदन, कोपेनहेगन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो शामिल हैं। इस बार समुद्री जल स्तर के बढ़ने की वजह इंसान है और ये1971 के बाद पहली बार हो रहा है।
WMO की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1900 के बाद से समुद्र का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1993 से 2002 के बीच हर साल औसतन 2.1 मिमी जल स्तर बढ़ा था, जबकि 2003 से 2012 के बीच सालाना औसतन 2.9 मिमी जल स्तर बढ़ा। वहीं, 2013 से 2022 के बीच हर साल औसतन 4.5 मिमी जल स्तर बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तापमान के 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने से समुद्री जल स्तर 2 से 6 मीटर तक बढ़ सकता है। 5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ने से 19 से 22 मीटर तक जल स्तर बढ़ने का खतरा है।
WMO की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन हजार सालों में समुद्र का जल स्तर इतनी तेजी से बढ़ना परेशानी का सबब है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि समुद्र भी पिछले 11 हजार सालों सबसे ज्यादा गर्म हुआ है। रिपोर्ट में ये समझाया गया है कि समुद्र के जल स्तर में हर साल औसतन 0.15 मीटर तक भी बढ़ोतरी होने से बाढ़ से प्रभावित होने वाली आबादी 20 फीसदी बढ़ जाएगी। समुद्र के जल स्तर में 0.75 मीटर की बढ़ोतरी होने से 40 फीसदी आबादी को खतरा होगा।