बिलासपुर— रेल जोन मुख्यालय अंबिकापुर में शिफ्ट होगा। रेल प्रशासन के अनुसार यह कदम गाड़ियों की रोज-रोज की लेटलतीफी को देखते हुए लिया गया है। विभाग के फैसले से ना केवल सरगुजा संभाग बल्कि सीमा से लगे अन्य जिलों और प्रदेशों का तेजी से विकास होगा। यह खबर मौज मस्ती के बीच भांग के नशे में धुत रेलवे के एक अधिकारी ने बताया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय बिलासपुर से हटाकर अंबिकापुर में शिफ्ट किया जाएगा। होली पर्व के दौरान बैठक में रेल प्रशासन ने शिफ्टिंग का फैसला लिया है। घोषणा के बाद सरगुजा और कोरिया क्षेत्र के लोगों खुशी की लहर है। दशको से रेल सुविधाओं से वंचित सरगुजा संभाग अब रेल सुविधाआओं का मोहताज नहीं रहेगा।
बिलासपुर वासियों में खुशी है कि अब रोज रोज के धरना प्रदर्शन से निजात मिलेगी। रेल प्रशासन की माने तो बिलासपुर क्षेत्रवासियों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं के बाद भी रेलवे पर लगातार बेबुनियाद इल्जाम लगता रहा है। इसलिए रेलवे मंत्रालय ने ऐसे इलाके का चयन किया है जहां कोई आवाज नहीं उठा सके।
जनशताब्दी, दुरंतो और वंदे भारत जैसी गाड़ियों में बिना टिकट यात्रा करने की आदत से बिलासपुर संभाग के सैकड़ो लोग सुधार करते दिखाई नहीं दे रहे थे। हर बात में रेल जोन आंदोलन की धमकी दी जाती है। इन सब कारणों को देखते हुए मुख्यालय बदला जा रहा है। जोन से शुरू होने वाली अनेकों गाड़ियां फैसले से प्रभावित होंगी।
बिलासपुर से आरंभ होने वाली सारी गाड़ियों को अंबिकापुर से चलाया जाएगा। रेलवे मंत्रालय के फैसले के खिलाफ हवाई संघर्ष समिति के सदस्य और पदाधिकारियों ने रेल जोन बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आमरण अनशन और क्रमिक सत्याग्रह का फैसला किया है। पूर्व नगर विधायक को संघर्ष समिति के संयोजक बनाया गया है।