Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
अरविंद केजरीवाल जी- एक उम्मीद को खत्म कर , “आप” ना जाने किन अंधेरों में चले गए ?

“””अपने कहे हर हर लफ्जों का मैं खुद

आईना हो जाऊंगा—
उसको छोटा बोलकर मैं
कैसे बड़ा हो जाऊंगा ? वसीम वरेली— 
“” अरविंद केजरीवाल एक उम्मीद का अंत ?अरविंद केजरीवाल नाम नहीं आंदोलन है । वह दौर देश देख चुका है  ।आईआईटी खरगपुर से पास आउट होने के बाद देश के सर्वोच्च प्रतियोगिता परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा में आईआरएस परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात जिम्मेदार आयकर अधिकारी के पद में नियुक्त हुए  लेकिन अरविंद को कहीं और जाना था वो निकल गया । अपने सपनों के साथ वो सामाजिक कार्यकर्ता के रूप मे शासन को जवाब देही बनाने के लिए सूचना के अधिकार नियम प्रभावशील करने हेतु तत्कालीन समय के सामाजिक आंदोलन की प्रणेता अरुणा राय के साथ मिलकर पूरे देश में एक जागरूकता पैदा की । गरीब आम आदमी को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सशक्त बनाने हेतु वो आम आदमी के हाथ मे हथियार दिलाने क लिये इस पर अरविंद को “रमन मेग्स्से”. अवार्ड से, 2006 मे सम्मानित भी किया गया  ।अरविंद केजरीवाल उसके पश्चात अनेक अवसरों पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हुए । 2014 में टाइम मैगजीन उन्हें “विश्व के प्रभावशाली व्यक्ति” में अपना स्थान दिया  ।सामान्य परिस्थिति से निकला हुआ व्यक्ति संघर्ष के बाद देश में एक विश्वास और आस्था का प्रतीक बन गया । उसकी हर बात पर लोग ताली बजाते थे  तथा उसे सच मानने लगे । आज भी सोशल मीडिया में भूतकाल में कह गए उसके हर शब्द हर किसी के जेहन में शब्दशः अंकित है  ।अन्ना हजारे आंदोलन से निकला हुआ अरविंद में आम आदमी को अपना हित रक्षक नजर आने लगा  ।अरविंद देश की राजनीति का मुख्य केंद्र बिंदु बन गया  ।देश की राजधानी दिल्ली में विगत डेढ़ दशक से वह मुख्यमंत्री के रूप में काबीज है  ।साथ ही साथ धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी का प्रभाव क्षेत्र दिल्ली से बाहर निकाल कर पंजाब बन गया  ।जहां आजादी के बाद से अब तक सिर्फ दो ही दलों का वर्चस्व था । कांग्रेस और आकली दल 2022 के चुनाव मे आम आदमी के पार्टी की सफलता में दोनो दल ताश के पत्तों की महल की तरह कैसे गिर गये उन्हें ही पता नहीं चला  ।आज आम आदमी पार्टी के देश मे 161 विधायक हैं। पंजाब मे 92 दिल्ली मे 62 गुजरात मे 5 गोवा 2 और 10 सांसद है  ।आम आदमी पार्टी उत्तरोत्तर उत्कर्ष करती रही  आम आदमी पार्टी से अपेक्षाएं लोगों को अन्य परंपरागत राजनीतिक दल के विरुद्ध बहुत अधिक है । क्या उन अपेक्षाओं पर अरविंद केजरीवाल जी खरे उतरे …। अपेक्षाओं को पूरे किये ? ये एक सवाल हरेक जागरूक नागरिक के जेहन में उत्पन्न होता है  ।

हमेशा से देश में वाणी और कर्म में अंतर को देश मे स्वीकार नहीं किया जाता ।कभी मारुति वैन में घूमने वाले सामान्य ट्रेन के स्लीपर क्लास में जगह न मिलने पर बाथरूम के बगल में सो जाने वाले, धर्मशाला में रहने वाले, MIG मकान में जीवन काट देने का विश्वास दिलाने वाले जब शीश महल में चले जाते हैं ।आने-जाने के लिए चार्टर प्लेन का उपयोग करते हैं ।शहरों में सेवन स्टार होटल में रुकते हैं और कार के लिए BMW, जगुआर के काफिला के साथ चलते हैं तब हर शिक्षित अशिक्षित जागरूक नागरिक अपने को ठगा सा महसूस करता है । यह भी साधु के भेस में आया बहुरुपिया और जैसा परंपरागत दल के लोग वादा करके मुकर जाते हैं ।उनमें और केजरीवाल में कोई फर्क महसूस नहीं होता है । इन्हीं का ही कथन था स्वर्गीय भूतपूर्व मुख्यमंत्री माननीया शीला दीक्षित के घर में 21 AC लगे हैं । जिनका पैसा दिल्ली की जनता देती है ।ऐसा लगता था कि केजरीवाल जी के आने के बाद सब कुछ सही हो जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं ।वह एक कथन बहुत प्रचलित है “ईमानदार वही है जिसे भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं मिलता” ? इसे गलत साबित करना था केजरीवाल जी को….।  पर नही हुआ? परंतु ऐसा नहीं देश में अनेक राजनेता हुए हैं  ।जिन्होंने लंबे अवधि तक मुख्यमंत्री का पद संभाला है । जिनमें से सर्वप्रथम स्वर्गीय ज्योति बसु मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लोकप्रिय नेता पश्चिम बंगाल में 1977 से 2000 तक लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है  ।माननीय ज्योति बसु की (यूसीएल) यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से 1940 में बैरिस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारत आए थे  ।इतनी लंबी अवधि में मुख्यमंत्रित्व के दौरान केंद्र में हमेशा विरोधी दल की सरकार रही । लेकिन माननीय ज्योति बसु जी के चरित्र पर एक भी अदना सा दाग कोई भी नहीं लगा पाया । माननीय ज्योति बसु की मछली के खरीदते समय मोल भाव भी किया करते थे  ।यह बात बंगाल की गलियों में हमेशा चर्चित रहती थी  ।कोई भी दल हो उनके कोई भी नेता हो तत्कालीन समय में सब उनका आदर की दृष्टि से देखते थे आज भी रोल मॉडल हैं ।

जहां ईमानदार राजनीतिक व्यक्ति पहुंचाना चाहता था उनके जैसे बनना चाहता था और “बहुत छोटे से राज्य बंगाल से लगा हुआ त्रिपुरा “माणिक सरकार “1998 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे । आज विपक्षी दल के नेता हैं  ।उनका जो वेतन मुख्यमंत्री के नाते मिलता था उसे वह पार्टी पोलित ब्यूरो को दे दिया करते थे और पार्टी उन्हें ₹5000 गुजारा भत्ता दिया करता है  ।आज भी जब निर्वाचन के समय में अपनी संपत्ति की घोषणा करते हैं तो वह पूरा कालम निरंक रहता है । कुछ भी नहीं है उनके पास निजी संपत्ति और इतने बड़े कार्यकाल में भी कोई कलंक भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा उन पर ..।हर कोई अच्छी तरह वाकिफ है “स्वर्गीय मनोहर पारिकर जी” से आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किए हुए थे । गोवा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे देश के सशक्तशाली रक्षा मंत्री भी रहे । लोग उनके ईमानदारी के नाम से कसम खाते थे । गोवा वासी जानते हैं अनेक अवसरों पर वह अपने घर से सचिवालय स्कूटर से जाते थे  । क्योंकि ऑफिस के समय में अगर वह कार से सुरक्षा गार्ड के साथ निकलते तो साउथ गोवा मे जहां रहते थे उनके रास्ते के पुल में कार् के कारण लंबा जाम लग जाता था  । इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में कभी कोई दाग स्वर्गीय पारकर जी के ऊपर नहीं लगा  ।

इसी के साथ वर्तमान प्रधानमंत्री, तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी जो 15 साल मुख्यमंत्री रहे । गुजरात में केंद्र में विपक्षी दल की सरकार रही । उस समय भी सीबीआई और ईडी थी  ।लेकिन कभी भी भ्रष्टाचार का आरोप माननीय प्रधानमंत्री जी के ऊपर नहीं लगा । माननीय अरविंद केजरीवाल जी आपकी हर लब्ज जो आप कहा करते थे – मैं ऐसे जिऊंगा …..मैं ऐसी कार्य प्रणाली रखूंगा ….कभी कोई सुविधा नही लूंगा…..  लोकपाल के साथ पारदर्शिता के साथ काम करूंगा….। आज हर आमजन आपके दोहरे चरित्र से वाकिफ हो गया है  ।दुख इस बात का नहीं है कि आपके ऊपर आरोप लगे ।उसमें सच्चाई कितनी है पर आपका जीवन शैली जो आईने की तरह देश की जनता को साफ दिखता है  ।उसे जनता बहुत निराश हो गई है । उसे लगा था वह आप में ज्योति बसु ‘,माणिक सरकार ,’मनोहर पारिकर’ का इमेज दिखेगा। आज वह बहुत निराशा है  ।आपको याद होगा असम गण परिषद के प्रफुल्ल कुमार महंत दो बार मुख्यमंत्री रहे। असम 1985 से 1990 और 1996 से 2001 उनसे भी काफी आशाएं थी  असम के निवासियों को …।परंतु अपेक्षा पर खरा नहीं उतरने के कारण वह आज पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं । अरविंद केजरीवाल आप आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री नहीं एक विश्वास और आस्था थे  ।एक आंदोलन से निकला हुआ चरित्र हैं। आने वाला कल मे आंदोलन के ऊपर से आमजन का विश्वास न उठ जाए ? आप ना जाने किन अंधेरों में चले गए ?

“””” चल पड़ा हूं मैं भी जमाने की वसूलों पर मोहसिन
अब अपनी ही कहे बातों से मैं मुकर जाता हूं””””

दीपक पाणडेय, राजनीतिक विश्लेषक (गैर पेशेवर )

https://www.cgwall.com/arvind-kejriwal-ji-by-ending-one-hope/