उत्तराखंड में मंदिरों के लिए भी ड्रेस कोड लागू किया गया है। शरीर को पूरा ढके बिना मंदिरों में जाने पर रोक लगाई गई है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सख्ती से ड्रेस कोड लागू करने की बात कही गई है। लड़कों, और लड़कियों के लिए सख्ती से ड्रेस कोड लागू करने का आदेश जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी सहित देश के अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी मंदिरों में प्रवेश करने के लिए सख्ती से ड्रेस कोड लागू करना होगा।
महानिर्वाणी अखाड़े के तीन बड़े मंदिरों में छोटे कपड़े पहनकर जाने वाले लड़के और लड़कियां प्रवेश नहीं कर पाएंगे। हरिद्वार के प्रसिद्ध दक्ष मंदिर, ऋषिकेश के नीलकंठ और देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में इसे लागू किया जा रहा है। यह तीनों शिव मंदिर है। अखाड़े के श्रीमहंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि जिनका शरीर 80 फीसदी तक ढका होगा,उन्हें ही मंदिरों में प्रवेश दिया जाएगा।
अब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाली लड़के और लड़कियों को इन तीन मंदिरों में प्रवेश नहीं मिलेगा। महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े इन मंदिरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जा रही है। दरअसल इन मंदिरों में कम कपड़े पहन कर आने वाली लड़कियों को पहले भी कई बार रोकने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब विधिवत रूप से घोषणा की गई है।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी का कहना है कि साउथ के कई मंदिरों में युवतियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। चार दिन पहले ही महाराष्ट्र के मंदिरों में भी यह नियम बनाया गया है।
मंदिर में आते समय वस्त्रत्तें का ध्यान रखा जाए। युवावस्था (16से 30 वर्ष) के लड़के और लड़कियों को देव स्थानों में सामाजिक काम के लिए अपने को परिधानों से ढक कर रखना चाहिए। कोई युवती और युवक कम कपड़ों में मंदिर आएंगे तो उन्हें प्रवेश करने से रोका जाएगा। यह व्यवस्था महानिर्वाणी अखाड़े के मंदिरों में लागू की जा रही है।
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