एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को वायु सेना का नया उप-प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह वायु सेना के आधुनिकीकरण के प्रभारी होंगे। आशुतोष दीक्षित ने एयर मार्शल ए पी सिंह की जगह पदभार ग्रहण किया है। आपको बता दें, एयर मार्शल ए पी सिंह ने इसी साल जनवरी में को भारतीय वायुसेना का नया उप प्रमुख का पदभार संभाला था।
आपको बता दें, एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को 06 दिसंबर, 1986 को 138 कोर्स के हिस्से के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें मिग-21, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाने का अनुभव भी है। पिछले 23 सालों से आशुतोष दीक्षित वायुसेना का हिस्सा रहे हैं और अपनी सेवा देते आ रहे हैं। अपने अब तक के कार्यकाल में दीक्षित ने 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी है।
इतना ही नहीं, दीक्षित एक शानदार एफ1यिंग ट्रेनर और एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट है। आशुतोष दीक्षित वायु सेना टेस्ट पायलट स्कूल में ट्रेनर, नवगठित मिराज-2000 स्क्वाड्रन के सीईओ और फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन के भी रह चुके हैं। वह एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर, टेस्ट पायलट हैं। आशुतोष दीक्षित ने बांग्लादेश में अपना स्टाफ कोर्स भी पूरा किया है।
इसके बाद आशुतोष दीक्षित ने 15 दिसंबर, 2003 को मिराज-2000 विमानों के साथ एक लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन की कमान संभाली। विंग कमांडर दीक्षित के मार्गदर्शन में सावधानीपूर्वक योजना और सही निष्पादन के कारण लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन को फिर से लैस करना आसान हो गया। उनकी दूरदर्शिता, योजना बनाने की बेहतर क्षमता और अच्छे नेतृत्व के कारण ही वायुयान स्क्वाड्रन ने नियमित और पूर्ण रूप से हाइंग ऑपरेशन शुरू कर दिए।
स्क्वाड्रन ने उनके सक्षम मार्गदर्शन में 15 दिसंबर, 2004 से 31 मार्च. 2005 की अवधि के दौरान सफल उड़ान के 500 घंटे पूरे किए हैं। विंग कमांडर दीक्षित को उनके बेहतर प्रदर्शन के कारण फ्रांस से भारत तक दस नए मिराज-2000 विमानों की स्वीकृति उड़ानों और संचालन करने जैसे कठिन काम की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने इसे दो बैच में संचालित किया और दोनों बार यह पूरी तरह से सफल और शेड्यूल के मुताबिक किए गए।
अधिकारियों ने मिराज मिशन तैयारी प्रणाली ( MIPSY) पर काम करना शुरू किया और उनके प्रयास से एसडीआई को सॉफ्टवेयर डेवलप करने में मदद मिली। दक्षिण अफ्रीका में एक्स गोल्डन ईगल और फ्रांस से एम-2000 के फेरी के दौरान MIPSY प्रणाली का काफी उपयोग किया गया था।
अपनी 23 वर्षों की विशिष्ट सेवा में आशुतोष दीक्षित ने 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी है। वह वर्तमान में वायु सेना मुख्यालय में डायरेक्टर एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट्स मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) हैं। नवगठित M-2000 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में इन्होंने सभी सुविधाओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इनके नेतृत्व में बहुत ही कम समय में स्क्वाड्रन का संचालन शुरू हो गया।
F1ight टेस्ट स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, दीक्षित ने जगुआर और मिग-27 विमानों के लिए स्वदेशी उन्नयन परियोजनाओं का निर्देशन किया, उनमें सक्रिय भाग लिया और उन्हें एक निष्कर्ष पर पहुंचाया है। दीक्षित को IAF के लिए MMRCA खरीद के सभी पहलुओं की जिम्मेदारी भी दी गई थी। MMRCA, भारतीय वायुसेना के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है। यदि इसका सही परिणाम निकला तो, यह दशकों तक IAF की परिचालन क्षमता को आकार देगा।
ग्रुप कैप्टन दीक्षित के नेतृत्व में छह अत्यंत जटिल प्रस्तावों का तकनीकी मूल्यांकन रिकॉर्ड निश्चित स
The post एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को वायु सेना का नया उप प्रमुख नियुक्त किया गया appeared first on CG News | Chhattisgarh News.