खरीफ वर्ष 2022 में धान के बदले अन्य फसल लेने वाले किसानों की संख्या में कबीरधाम जिला अव्वल है। जिले के 10953 किसानों द्वारा 5270.78 हेक्टेयर रकबे में पंजीयन कराया गया था। इन पंजीकृत कृषकों को 101 करोड़ 12 लाख रुपए आदान सहायता राशि के रूप में प्रदान किया जा चुका है। कलेक्टरजनमेजय महोबे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रबी वर्ष 2022-23 की प्रगति एवं खरीफ वर्ष 2023 का कार्यक्रम के निर्धारण, गतवर्ष की जानकारी के संबंध में कृषि एवं समवर्गीय विभागों के विभागीय योजनाओं के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशुचिकित्सा सेवा और गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं आगामी खरीफ की तैयारी के संबंध में विशेष निर्देश दिए। इस दौरान विभाग प्रमुखों द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई। कलेक्टर महोबे ने कहा कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन लगातार होना चाहिए। शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसका लाभ लोगो को मिलना चाहिए। गौठान मे स्थापित मिनी राइस मिल, आइल मिल, कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट का अधिक से अधिक उपयोग करे। कलेक्टर ने आगामी खरीफ सीजन को ध्यान रखते हुए बीज और उर्वरक की मांग, भंडारण और अग्रिम उठाव की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसानों को बीज और उर्वरक के लिए कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। विभाग पहले ही इसके लिए कार्य योजना तैयार करे। किसानों को वर्मी कंपोस्ट उपयोग के लिए प्रेरित करे। उन्होंने गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण और गौ मूत्र बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें सभी पत्र किसानों को शत प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए। कलेक्टर महोबे ने उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाड़ी योजना शासन की प्राथमिकता में शामिल है। गौठानो ने इसका क्रियान्वयन होना चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक गौठानों में बाड़ी कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर अधिक से अधिक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में पशु पालन कार्य प्रारंभ कराएं। इससे स्व सहायता समूह को रोजगार के साथ आमदनी मिलेगा। कलेक्टर ने मत्स्य पालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि कृषि महाविद्यालय में अनेक गतिविधियां और कार्यक्रम किए जा रहे है, जिसका लाभ स्थानीय मछली पालन करने वालों को मिलना चाहिए। बैठक में उपसंचालक कृषि राकेश शर्मा, उपसंचालक पशु चिकित्सा मिश्रा, उद्यानिकी पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि शासन की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कृषकों द्वारा सामान्य फसल के रूप में बुआई एवं पंजीयन कराने पर 9 हजार प्रति एकड़ की दर से एवं धान के बदले अन्य फसल के रूप में बुआई एवं पंजीयन कराने पर 10 हजार प्रति एकड़ की दर से कृषक आदान सहायता राशि प्रदान की जाती है। उप संचालक कृषि ने बताया कि खरीफ वर्ष 2022 में धान के बदले अन्य फसल लेने वाले किसानों की संख्या प्रदेश में कवर्धा जिला में सर्वाधिक है। जिले के 10953 किसानों द्वारा 5270.78 हेक्टेयर रकबे में पंजीयन कराया गया था। इन पंजीकृत कृषकों को 101 करोड़ 12 लाख रुपए आदान सहायता राशि के रूप में प्रदान किया जा चुका है। जिले में प्रमुख फसल गन्ना में 5034.00 हेक्टेयर में 10264 ने किसानों ने पंजीयन कराया था। इसी प्रकार कोदो-कुटकी में 52.00 हेक्टेयर में 131 किसान, अरहर में 40.00 हेक्टेयर में 154 किसान, साग-सब्जी में 80.00 हेक्टेयर में 212 एवं अन्य फसल में 64.78 हेक्टेयर में 192 किसानों ने पंजीयन कराया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में जिले के 02 शासकीय गन्ना कारखानों में 18 हजार 447 किसानों से 3295178.52 मी.टन गन्ना खरीदी कर 79.50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 40.7243 करोड़ रूपये गन्ना प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया।
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