नेशन अलर्ट/राजनांदगांव.
सोने चांदी के कारोबार में तस्करी के अवैध तौर तरीके इस्तेमाल करने के मामले अब धीरे धीरे खुलकर सामने आ रहे हैं। पहले मोहनी ज्वेलर्स और अब पवन सोनी नाम ने हलचल पैदा कर दी है। सवाल इस बात का है कि क्या पवन सोनी शहरी नक्सलियों का मददगार है ?
दरअसल, सारा मामला राज्य की एजेंसियों के बाहर का है। केंद्र की एजेंसियां मामले में एक के बाद एक कार्यवाही कर रही हैं। इन्हीं एजेंसियों की कार्यवाही से पवन सोनी और मोहनी ज्वेलर्स के संचालक रहे परिवार की नजदीकियां उजागर हो रही हैं। पवन सोनी को उस बैद परिवार का बेहद नजदीकी बताया जाता है जो बैद परिवार इन दिनों सोना तस्करी के मामले में राजनांदगांव से लेकर रायपुर और नई दिल्ली तक चर्चा में है। यह परिवार सोने के मामले में पाक साफ नहीं रह गया है।
अभी जांच जारी
विश्वसनीय अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि बैद परिवार और उनके सहयोगियों के मामले तलाशे जा रहे हैं। इन दिनों सभी की जांच की जा रही है। जब जांच में पक्के सबूत उभरकर सामने आएंगे तब गिरफ्तारी भी होंगी लेकिन तब तक मामले में चुप्पी बरती जा रही है। इसके बावजूद जिस पवन सोनी का नाम सुनाई पड़ रहा है वह बैद परिवार का बेहद नजदीकी रहा है। उसने नेशन अलर्ट से बातचीत में इससे इनकार भी नहीं किया था कि वह बैद परिवार से मित्रता नहीं रखता है।
यदि उसकी मित्रता व्यवसायिक लेन देन तक पहुंची तो उस पर कार्यवाही तय है। ऐसा इसलिए क्यूंकि शहरी नक्सलियों के मददगार में जिन लोगों अथवा फर्मों का नाम उभरा है उन्हीं के साथ संबंधों में पवन सोनी का भी नाम सुनाई दे रहा है। यदि ऐसा सच में हुआ तो केंद्रीय एजेंसियों को बहुत बड़ी सफलता मिलेगी लेकिन राजनांदगांव का नाम जरूर बदनाम होगा।