हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। इस समस्या से दुनियाभर में करोड़ों लोग पीड़ित हैं जो सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। सोडियम की मात्रा अधिक होने की वजह से हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है। जानें और किन कारणों से बीपी बढ़ सकता है और कैसे इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सुनने में काफी साधारण लगती है, लेकिन यह काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनियाभर में 30-79 उम्र के 128 करोड़ लोग हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त हैं। यह दुनियाभर में आसमयिक मृत्यु का प्रमुख कारण है, जिससे यह समझा जा सकता है कि इस कंडिशन को कंट्रोल करना कितना आवश्यक है।
हाइपरटेंशन उस कंडिशन को कहा जाता है, जिसमें रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या उससे अधिक हो। हाइपरटेंशन का इलाज न होने पर, यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है।
हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स की एक पैनल ने साइंटिफिक जर्नल हाइपरटेंशन में एक गाइडलाइन प्रस्तावित की है, जिसे अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन ने पब्लिश किया। इस गाइडलाइन में कम सोडियम और अधिक पोटेशियम वाले नमक को हाइपरटेंशन थेरेपी गाइडलाइन में शामिल करने का सुझाव दिया।
एक्सपर्ट्स ने दिया यह सुझाव…
एक्सपर्ट्स ने बताया कि अधिक सोडियम की मात्रा ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करती है, जो हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए घातक भी साबित हो सकता है। लेकिन खाने के स्वाद को बरकरार रखने के लिए लोग अपनी डाइट में नमक की मात्रा कम नहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ, पोटेशियम की मात्रा कम होने की वजह से भी हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ता है। इसलिए पोटेशियम युक्त नमक का इस्तेमाल करने से, इन दोनों समस्याओं को हल किया जा सकता है। नमक के अन्य विकल्पों की तुलना में पोटेशियम युक्त नमक स्वाद को बरकरार रखता है और सोडियम न होने की वजह से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। इसलिए सोडियम नमक की जगह पोटेशियम युक्त नमक का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। हालांकि, जिन लोगों में किडनी से जुड़ी कोई समस्या है, वे पोटेशियम युक्त नमक का सेवन न करें, यह सलाह दी गई है।
हाइपरटेंशन की समस्या की वजह केवल अधिक सोडियम युक्त नमक खाना नहीं है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल से जुड़ी कई आदतें भी ब्लड प्रेशर अधिक होने के पीछे कारण है। आइए जानते हैं हाइपटेंशन को कंट्रोल करने के लिए और किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
वजन कम करें
वजन अधिक होने की वजह से हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप ओवरवेट या ओबीस हैं, तो वजन कम करने की कोशिश करें। इससे आपके ब्लड प्रेशर पर काफी असर पड़ेगा। इसके अलावा, अपनी वेस्ट साइज का भी ध्यान रखें। वेस्ट साइज ज्यादा होने की वजह से भी हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है।
हेल्दी डाइट अपनाएं
खानें में प्रोसेस्ड, अधिक नमक, शुगर और अनहेल्दी फैट वाले फूड आइटम्स को शामिल करने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसलिए सीजनल फल, सब्जी, साबुत अनाज, नट्स आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे वजन कम करने में मदद मिलेगी।
एक्सरसाइज करें
फिजिकली एक्टिव न रहने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए नियमित तौर से एक्सरसाइज करें। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। एरोबिक एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग इसमें खासकर फायदेमंद हो सकती है।
स्ट्रेस मैनेज करें
अधिक स्ट्रेस हाइपरटेंशन के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए तनाव कम करने की कोशिश करें। अधिक स्ट्रेस की वजह से इंफ्लेमेशन बढ़ता है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। इसलिए तनाव कम करने की कोशिश करें। भरपूर नींद लें, मेडिटेट करें और जरूरत लगे, तो प्रोफेशनल हेल्प भी ले सकते हैं।
स्मोकिंग और एल्कोहल से दूर रहें
स्मोक करने और शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। स्मोकिंग आर्टरीज की दिवारों को नुकसान पहुंचाता है और दिल के लिए भी हानिकारक होता है। शराब न केवल ब्लड प्रेशर बढ़ाती है बल्कि, इस हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए ली गई दवाई के प्रभाव को भी कम करती है। इस इन सीग्रेट और शराब दोनों से ही दूर रहें।
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