बिलासपुर—तिफरा स्थित महाराणा प्रताप नगर गृह निर्माण समिति में जमीन बंदरबांट और लाखों रूपयों का घोटाला का मामला सामने आया है। मामले में समिति के लोगों ने अध्यक्ष के खिलाफ कलेक्टर से लिखित शिकायत की है। कलेक्टर अवनीश शरण ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले में एसीएम को जांच का आदेश दिया है। साथ ही नामांतरण पर रोक लगाने को भी कहा है।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर तिफरा स्थित महाराणा प्रतापनगर गृह निर्माण समिति के पदाधिकारियों ने समिति अध्यक्ष के खिलाफ कलेक्टर से लिखित शिकायत की है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष ने समिति की जमीन को रिश्तेदारों के बीच बांटकर लाखों रूपयों का घोटाला किया है।
समिति के उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि समिति का अध्यक्ष आर के सिंह हैं। उन्होने बिना किसी प्रक्रिया को पूरा किए सहकारी समिति की जमीन को अपने घर के सदस्यों के बीच बांट दिया है। नियमानुसार किसी को जमीन आवंटित करने से पहले समिति की बैठक होती है। इस दौरान सभी के सहमति से फैसला लिया जाता है।
लेकिन समिति के अध्यक्ष आरके सिंह ने गुपचुप तरीके से नियमित अंतराल में अपनी पत्नी अनारकली, बेटी अर्चना सिंह पति अमित सिंह और बहू नीरजा सिंह पति आशीष सिंह के नाम पर 1475 वर्गफिट के हिसाब से जमीन की रजिस्ट्री किया। मामले की जानकारी के बाद उनसे पूछा गया। उन्होने कहा कि हम अपनी मर्जी के मालिक है। अध्यक्ष के अधिकार से किसी को भी जमीन दे सकता हूं। और उन्होने यह भी दुहराया कि हमें किसी समिति से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं है।
मामले में शिकायत कर्ताओं ने कलेक्टर को जानकारी दिया कि अध्यक्ष आरके सिंह ने बेची गयी जमीन का लाखों रूपया समिति के खाते में भी नहीं जमा किया है। उन्होने रजिस्ट्री के समय अपनी पत्नी, बहू,बेटा और बेटी का पता भी गलत लिखाया है। जबकि सभी लोग साथ में ही रहते हैं।
पदाधिकारियों ने जानकारी दिया कि कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया है। साथ ही शिकायत पर एसडीएम को तत्काल जांच करने का आदेश भी दिया है। उन्होने अधिकारियों से कहा है कि जांच होने तक नामांतरण पर रोक लगायी जाए।