चीन ने दो भारतीय पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। दोनों पत्रकारों के वीजा को फ्रीज कर दिया गया है। उनका वीजा नहीं बढ़ाया गया है। दोनों पत्रकार छुट्टी पर भारत आए थे। जब वापस जाने लगे तो चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रसार भारती के प्रतिनिधि अंशुमन मिश्रा और दक्षिण भारत के प्रमुख अंग्रेजी समाचारपत्र के पत्रकार को मंगलवार को सूचित किया कि उनके वीजा फ्रीज हैं। वे चीन वापस नहीं आ सकते।
भारत ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि भारतीय पत्रकारों को चीन में कोई परेशानी नहीं होगी। चीन के अधिकारी चीन में भारतीय पत्रकारों की मौजूदगी को सुगम बनाने में मदद करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ”चीन के कई ऐसे पत्रकार हैं, जिनके पास पत्रकारिता के लिए भारतीय वीजा हैं। चीनी पत्रकारों को भारत में कोई कठिनाई नहीं होती है। चीन में काम करने वाले भारतीय पत्रकारों के संबंध में हम आशा करते हैं कि चीन के अधिकारी अपने देश में भारतीय पत्रकारों की निरंतर उपस्थिति और रिपोर्टिंग के लिए सुविधा देंगे।”
उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं। इस बीच चीन ने भारतीय पत्रकारों के वीजा को फ्रीज करने के कदम का बचाव किया है। यह पूछे जाने पर कि चीन ने भारतीय पत्रकारों के वीजा को फ्रीज क्यों किया, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने दावा किया कि लंबे समय से चीन के पत्रकारों से भारत में भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
भारत ने गुरुवार को फिर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को चीन द्वारा नाम दिए जाने से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि यह पहली बार नहीं है कि चीन इस तरह के प्रयास कर रहा है।
इससे पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों का चीनी, तिब्बती और पिनइन लिपि में नामों का सेट जारी किया है, जिसमें दो भू-भागों के नाम, दो आवासीय क्षेत्रों के नाम, पांच पर्वतीय क्षेत्रों के नाम और दो नदियों के नाम शामिल हैं। पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को लेकर भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन की बहाली जरूरी है।
बागची ने कहा हम वार्ता कर रहे हैं। लेकिन जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती है, तब तक संबंधों में सामान्य स्थिति की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता की तारीख के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि इसे अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसकी जानकारी दी जाएगी।
म्यांमार के कोको द्वीप समूह के सैन्यीकरण के घटनाक्रमों पर भारत लगातार नजर रखता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से म्यांमार के कोको द्वीप समूह के बारे में पूछा गया था, जो लंबे समय से भू-राजनीतिक साजिश का केंद्र रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की नई चाल की जानकारी मिली थी।
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