भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेजी से बढ़ रही है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल, भाजपा और कांग्रेस, यात्राओं के सहारे आम मतदाता के बीच पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है तो कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा शुरू करने जा रही है।
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। यही कारण है कि दोनों दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।
भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा में पूरी ताकत झोंक दी है, इसमें सिर्फ प्रदेश ही नहीं केंद्रीय राजनीति के बड़े चेहरे भी हिस्सा ले रहे हैं। वह जगह-जगह पहुंचकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा दे रहे हैं। कांग्रेस पर लगातार हमले कर रहे हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से सात स्थान से जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत की जा रही है। इन यात्राओं की जिम्मेदारी कांग्रेस ने द्वितीय पंक्ति के नेताओं को दी है। वह अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों को पार्टी की रीति और नीति बताएंगे। साथ ही देश और प्रदेश की वर्तमान स्थिति का खुलासा भी करेंगे।
राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के चुनाव रोचक और कशमकश भरे होने वाले हैं। इस बात से दोनों राजनीतिक दल वाकिफ हैं, लिहाजा उन्होंने मतदाताओं के बीच पहुंचने की रणनीति पर काम शुरू किया है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस यात्राओं के सहारे गांव-गांव, घर-घर पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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