छत्तीसगढ़ में ईडी रेड के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री का ट्विटर वार चल रहा है. वे एक दूसरे की सोशल मीडिया में जमकर खिंचाई कर रहे हैं. दोनों ही एक दूसरे पर मानहानि लगाने के लिए चेतावनी देते भी नजर आ रहे हैं. ये सियासत पिछले दो दिनों से ट्विटर पर चल रहा है. चलिए आपको बताते हैं आखिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बीच क्या बातचीत चल रही है और इन ट्वीट के मायने क्या है?
ईडी के छापे पर ट्वीटर पर भिड़े भूपेश-रमन
दरअसल, 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कई आईएएस अफसरों के यहां ईडी का छापा पड़ा तो बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग शुरू हो गई. बीजेपी को घर बैठे कांग्रेस सरकार को घेरने का अवसर मिल गया तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस केंद्र सरकार से एजेंसियों पर सवाल पूछने लगी. यानी कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के राजनेताओं को आरोप प्रत्यारोप लगाने का बड़ा अवसर मिल गया है.
मानहानि का दावा करने की दी चेतावनी
चलिए सबसे पहले उस बयान की चर्चा करते हैं जिससे इसकी शुरुआत हुई है. दरअसल ईडी का छापा पड़ा उसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस के एटीएम बन चुके भूपेश बघेल के भ्रष्टाचार को आज पूरा प्रदेश समझ रहा है. रमन के इस आरोप पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भड़क गए. उन्होंने कहा कि रमन सिंह प्रमाण दें नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी. मानहानि का दावा ठोकूंगा.
रमन सिंह बोले एक नहीं 10 केस कीजिए
अब ये सियासत ट्विटर पर आ गई. डॉक्टर रमन सिंह ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जवाब दिया कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी! छत्तीसगढ़ महतारी को लूटने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए आप मुझे मानहानि की धमकी दे रहे हैं, तो सुन लीजिए, एक नहीं 10 केस कीजिये. आप कहते हैं कि बीजेपी के कहने से ईडी आती है तो साक्ष्य लाइए और यदि प्रमाणित नहीं कर सके तो मैं आपपर मानहानि का दावा करूंगा
पनामा और नान डायरी पर उठाया सवाल
इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बाद एक लगातार दो ट्वीट कर नान और पनामा पेपर का मामला उठा दिया. उन्होंने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर रमन सिंह का बिना नाम लिए निशाना साधा है. उन्होंने कहा, पनामा के खाते में दर्ज है जिनका नाम, वो फिर करने लगे छत्तीसगढ़ को बदनाम, वैसे नान की डायरी में नागपुर से लखनऊ तक का जिक्र है वो किस Swipe Machine से हस्तांतरित हुए थे, प्रदेश की जनता जानना चाह रही है.
रमन सिंह की मार्गदर्शन मंडल में एंट्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरंत एक और ट्वीट किया और रमन सिंह के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह” को लगता है कि मार्गदर्शक मंडल में हुई “वाइल्ड कार्ड एंट्री” से बाहर आने के लिए छत्तीसगढ़ को बदनाम करेंगे, ये नहीं चलेगा. कौन किसका ATM है, इसका प्रमाण तो देना ही पड़ेगा.
दोनों का शायराना अंदाज में सवाल-जवाब
ट्विटर पर चल रहे सियासी वार पलटवार का दौर लगातार जारी है. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शायराना सवाल पर शायराना जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि चार्जशीटेड मुखिया” ने दिल्ली का ATM बनकर CM का मतलब जो “कलेक्टिंग माफिया” समझ लिया है. उन्हें सनद रहे- छत्तीसगढ़वासियों के सम्मान और मेहनत का पैसा लूटने नहीं देंगे. इसके बाद उन्होंने ये भी लिखा कि और हां! कोयला घोटाला में “सूर्या” की किरणें जो आपके घर को रोशन कर रहीं हैं, वो डायरी और व्हाटसएप चैट भी जरा सार्वजनिक हो जाये तो उस ATM का पैसा कहां-कहां, कैसे-कैसे पहुंचा? वो भी जनता अच्छी तरह जान जाए. कोयले से भी काला है जिसका दामन, जनता दहन करेगी वो भ्रष्टाचार का रावण.
रेड पर राजनीतिक रोटी सेंकने की तैयारी
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है. चुनाव की फाइनल तैयारी की जा रही है. ऐसे वक्त में लगातार इनकम टैक्स और ईडी रेड से छत्तीसगढ़ की राजनीति को बूस्टर डोज मिल गया है. इसी में बीजेपी नेता 2023 की गुंजाइश तलाश रहे हैं और कांग्रेस सरकार रिपीट करने के लिए पुरजोर कोशिश में जुट गई है.