रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के करीब 5 हजार पटवारी अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद करके सोमवार से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इससे प्रदेश भर में जमीन, नक्शा, गिरदावरी रिपोर्ट, फसल नुकसान का सर्वे, आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र आदि बनाने का काम ठप्प हो गया है.
पटवारी संघ की मांग है कि सरकार आनलाइन काम करने की सुविधा उपलब्ध कराए.
पटवारी लंबे समय से कंप्यूटर, लैपटाप, प्रिंटर, स्कैनर और इंटरनेट की मांग कर रहे हैं. फिलहाल पटवारी अपने संसाधनों से आनलाइन काम कर रहे हैं. इससे उन पर अतिरक्त खर्च का भार आ रहा है.
पटवारी संघ ने इससे पहले राजस्व सचिव और भू-अभिलेख के संचालक को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को भेजी गई अपनी 32 सूत्रीय मांगों में पटवारी संघ ने भुइयां एप को लेकर आ रही दिक्कतों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया है.
पटवारी संघ की मांग है कि किसानों के हित में भुइयां साफ्टवेयर में आवश्यक सुधार किया जाए. इसकी गड़बड़ियों के कारण लोग पटवारियों को जिम्मेदार मानते हैं. साफ्टवेयर में गड़बड़ी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
पटवारी संघ ने 7 जुलाई तक समस्याओं के समाधान का अल्टीमेटम देते हुए 8 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. मांगे पूरी न होने पर सोमवार से प्रदेशभर के पटवारी हड़ताल पर चले गए.
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