छत्तीसगढ़ में सरगुजा (Surguja) जिले के अलग-अलग इलाके में हाथियों (Elephant) का उत्पात नहीं रुक रहा है. हाथी आए दिन मकान तोड़ रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को हाथी ने अम्बिकापुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम भकुरा में एक महिला की कुचलकर जान ले ली. महिला गुड्डी पैकरा खेत में लगी फसल की रखवाली कर रही थी. इसी दौरान हाथी ने उसे कुचल दिया. वहीं किसानों की फसलों को रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं. पिछले 5 दिनों से सूरजपुर (Surajpur) जिले के प्रेम नगर इलाके से आया 11 हाथियों का दल सरगुजा के उदयपुर वन परिक्षेत्र में डेरा जमाया हुआ है.
इसके अलावा बतौली वन परिक्षेत्र में जशपुर जिले से तीन हाथी आ धमके हैं, जो लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई है. वन विभाग हाथियों पर निगरानी तो रख रहा है, लेकिन उन्हे गांव से दूर रखने में असफल साबित हो रहे हैं. दरअसल छत्तीसगढ़ का उत्तरी इलाका लंबे समय से हाथियों का दंश झेल रहा है. संभाग के जशपुर, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर और सरगुजा जिलों में इन दिनों हाथियों का आतंक बढ़ा है. जंगल से सटे बस्तियों में घुसकर हाथी मकान तोड़ रहे हैं. इसके अलावा भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वन विभाग की ओर से हाथियों से हुई क्षति का आकलन कर, प्रकरण तैयार कर मुआवजा तो दिया जा रहा है, लेकिन हाथियों को दूर खदेड़ने की कोशिश नाकाम साबित हो रही है
11 हाथियों ने तोड़ा मकान
अम्बिकापुर वन परिक्षेत्र में अचानक हाथियों के आमद से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. वन अमला हाथियों को दूर खदेड़ने का प्रयास कर रहा है. सरगुजा के उदयपुर वन परिक्षेत्र में 11 हाथियों ने एक ग्रामीण के मकान को तोड़ दिया. साथ ही मुड़ापारा में किसानों की कुछ धान और मक्का की फसल को नुकसान पहुंचाया है. वन अमला लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का कार्य लगातार कर रहा है. डीएफओ पंकज कमल की अगुवाई में टीम गठित कर एसडीओ बिजेंद्र सिंह, रेंजर सपना मुखर्जी और वन रक्षकों की टीम अलग-अलग पालियों में ड्यूटी कर हाथियों की निगरानी कर रहे हैं. गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है. फसल नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह गजराज वाहन के माध्यम से दी जा रही है.
उदयपुर-केदमा मार्ग को कर दिया जाता है बंद
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उदयपुर क्षेत्र के मुड़ापारा के लगभग 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित पक्के मकान में रात में रखा गया था. एक दर्जन से अधिक वन विभाग के कर्मचारी और हाथी मित्र दल के लोग ग्रामीणों और हाथियों की देख-रेख में लगे हुए हैं. कक्ष क्रमांक 2043 में हाथियों का दल अभी भी डेरा जमाए हुए है. क्षेत्र के गांव सुखरी भंडार, बिच्छल घाटी, मुड़ापारा में हाथी का दल विचरण करते रहता है. सावधानी के तौर पर वन अमले की ओर से समय-समय पर उदयपुर से केदमा मार्ग को बंद कर दिया जाता है.