रायपुर | संवाददाता: पिछले चार सालों में रोजगार गारंटी योजना में 100 दिन रोजगार पाने वाले मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में आधी रह गई है. यह तब है, जब राज्य सरकार ने लगातार रोजगार गारंटी योजना में अधिक से अधिक काम देने का दावा किया है.
ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े बताते हैं कि हर साल 100 दिन रोजगार पाने वालों की संख्या घटती चली गई. अंततः चार सालों में ही आंकड़ा लगभग आधा रह गया.
छत्तीसगढ़ में आज की तारीख़ में 76.53 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं.
इनमें से 61.03 लाख श्रमिक सक्रिय हैं लेकिन इनमें से 10 फ़ीसदी श्रमिकों को भी 100 दिन का काम नहीं मिला है.
आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में कांग्रेस शासनकाल में छत्तीसगढ़ में 6,11,987 श्रमिक ऐसे थे, जिन्हें 100 दिन रोजगार मिला था.
2021-22 में यह आंकड़ा 5,55,490 हो गया.
2022-23 में सरकार ने केवल 3,51,267 श्रमिकों को ही 100 दिन का काम दिया.
चुनावी साल यानी 2023-24 में मज़दूरों को 100 दिन के रोजगार के लाले पड़ गए.
नवंबर में चुनाव के बाद भी कई इलाकों में रोजगार शुरु नहीं हो पाया.
2023-24 में केवल 3,43,133 श्रमिक ही ऐसे थे, जिन्हें 100 दिन का काम मिला.
राज्य में अनुसूचित जाति के कम ही श्रमिकों को 100 दिनों का काम मिल पाया.
2020-21 में 50,127 अजा श्रमिकों को 100 दिन का काम मिला था. 2023-24 में यह घट कर 29,346 रह गया.
इसी तरह 100 दिनों का काम पाने वाले आदिवासी श्रमिकों की संख्या 2020-21 में 2,61,215 थी.
2023-24 में आदिवासी श्रमिकों की यह संख्या घट कर 29,346 रह गई.
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