सेना ने अपने ऑनलाइन नेटवर्क को आधुनिक बनाने के साथ-साथ उनकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत कमांड साइबर ऑपरेशन और सपोर्ट विंग को चालू करने का फैसला किया है। यह फैसला पिछले सप्ताह हुई सेना कमांडरों के सम्मेलन में लिया गया था।
हाल ही में आयोजित हुए सेना कमांडरों के सम्मेलन में सेना ने यह फैसला किया है कि उन सैनिकों के कल्याण और जो सैनिक शहीद हो जाते हैं, उनके बच्चे और विशेष रूप से विकलांग बच्चों के कल्याण के लिए भरण-पोषण भत्ता दोगुना किया जाएगा। इसकी जानकारी भारतीय सेना के अधिकारियों ने दी है।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि मिनी, सामरिक, झुंड और रसद ड्रोन, एंटी-ड्रोन उपकरण आदि जैसे विशिष्ट तकनीक और उपकरणों को शामिल करने के मद्देनजर, सेना कमांडरों के सम्मेलन ने रोजगार विकसित करने के लिए प्रमुख निदेशालयों और परीक्षण संरचनाओं को नामित करने का फैसला किया है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर युद्ध क्षमताओं के विस्तार और ग्रेजोन के साथ-साथ पारंपरिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, सेना कमांडरों के सम्मेलन ने कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSWs) को संचालित करने का निर्णय लिया गया है। ये संगठन भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए अनिवार्य साइबर सुरक्षा कार्यों को करने के लिए संरचनाओं की सहायता करेंगे।
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