बंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची में भाजपा ने 52 नए चेहरों पर दांव लगाया है, वहीं 11 विधायकों के टिकट काट दिए हैं। इससे भाजपा में विद्रोह शुरू हो गया है। जिन विधायकों को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी का नाम भी शुमार है। टिकट ना मिलने से नाराज सावदी ने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
भाजपा के टिकट देने से इनकार करने के बाद आज लक्ष्मण सावदी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की। माना जा रहा है कि सावदी जल्द कांग्रेस ज्वॉइ कर सकते हैं।
सावदी का टिकट काट कर मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को बेलगावी जिले के अथानी से टिकट दिया गया था। सावदी अथानी से तीन बार के विधायक हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में कुमथल्ली तब कांग्रेस में थे और उनसे सावदी हार गए थे। बीजेपी एमएलसी सावदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा मैंने निश्चित रूप से एक निर्णय लिया है। मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
टिकट ना मिलने पर उन्होंने मीडिया से कहा मैंने अपना फैसला कर लिया है। मैं वह नहीं हूं जो भीख का कटोरा लेकर घूमता हूं। मैं एक स्वाभिमानी राजनेता हूं। मैं किसी के बहकावे में आकर काम नहीं कर रहा हूं। सूत्रों का कहना है कि वह कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही कोई बदलाव कर सकते हैं। हालांकि, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि न तो मेरे संपर्क में हैं और न ही उन्होंने मुझसे बात की है। बता दें लक्ष्मण सावदी पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के वफादार हैं और राज्य के सबसे शक्तिशाली लिंगायत नेताओं में से एक हैं, जो अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं।
10 मई बदलाव का दिन होगा : लक्ष्मण सावदी
2018 के बाद जब कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर सरकार से बड़े पैमाने पर दलबदल ने भाजपा के तख्तापलट को सक्षम किया, तो विधानसभा में पोर्न देखने के बाद 2012 में एक बड़े विवाद के बावजूद, लक्ष्मण सावदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।