दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अगले दो-तीन दिन पानी की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। नई दिल्ली, उत्तर और पश्चिमी दिल्ली के कुछ हिस्सों में रहने वाले लगभग 30 लाख लोगों को लो प्रेशर पर पानी मिल सकता है। इसकी वजह है सोनीपत स्थित बड़वासनी गांव के पास मुनक नहर का करियर लाइन चैनल का (सीएलसी) क्षतिग्रस्त होना। इसके जरिए दिल्ली को पानी आपूर्ति होती है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह लाइन दिल्ली हरियाणा सीमा से 20 किलोमीटर अपस्ट्रीम पर है।
सोमवार को मिली जानकारी
नहर एक प्रमुख चैनल है जो यमुना के पानी को हरियाणा से दिल्ली तक लाता है। इससे सीधे दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के दो जल उपचार संयंत्र – बवाना और हैदरपुर को भी पानी मिलता है। अधिकारियों ने कहा कि नहर के पानी का इस्तेमाल नांगोली और द्वारका संयंत्रों को आंशिक रूप से चलाने के लिए भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह बाउंड्री टूटने की सूचना मिली थी, और अधिकारियों को अभी तक इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है।
राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट में होगी किल्लत
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘नई दिल्ली में कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों जैसे राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट और विभिन्न देशों के दूतावासों और उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली में कई आवासीय क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति तब तक प्रभावित रहेगी, जब तक बाउंड्री में आई दरार की मरम्मत नहीं हो जाती।’ डीजेबी ने कहा कि पीतमपुरा, शालीमार बाग, सरस्वती विहार, पश्चिम विहार, राजा गार्डन, ज्वाला हेड़ी, रमेश नगर के निवासियों को भी पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
72 घंटे का समय लगेगा
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएलसी और दिल्ली उप शाखा (डीएसबी) नहरें हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका में उपचार संयंत्रों को रॉ पानी की आपूर्ति करती हैं। उन्होंने कहा, ‘डीजेबी अन्य स्रोतों से पानी को मोड़कर आपूर्ति को युक्तिसंगत बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भीषण गर्मी के कारण, सीएलसी नहर में आए व्यवधान से दिल्ली की बड़ी आबादी को असुविधा होगी। नहर को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर हरियाणा सरकार और राज्य के सिंचाई विभाग से बात की जा रही है। हरियाणा सिंचाई विभाग के अनुसार नहर की मरम्मत में करीब 48 से 72 घंटे का समय लगेगा।’
कहां से मिलता है कितना पानी
दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली को यमुना (नदी चैनल, सीएलसी और डीएसबी नहरों) से 40.8 प्रतिशत, गंगा से 26.5 प्रतिशत और भाखड़ा स्टोरेज (रवि ब्यास) से 23.1 प्रतिशत पानी मिलता है। शेष 9.6 फीसदी ट्यूबवेलों और रैनीवेलों के जरिए भूजल से प्राप्त होता है। डीजेबी अनुमानों के अनुसार, बाउंड्री में आई दरार के कारण हरियाणा से दिल्ली को लगभग 20 फीसदी रॉ पानी की आपूर्ति में कमी आई है।
The post दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अगले दो-तीन दिन पानी की किल्लत झेलनी पड़ सकती है… appeared first on CG News | Chhattisgarh News.