बिलासपुर–राज्यपाल हरिचंदन दो दिवसीय कुलपतियों की एआईयू मीट का शुभारम्भ किया। इस दौरान राज्यपाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय सच्चे इंसान गढ़ने की फैक्टरी होतेे हैं। शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और विश्वविद्यालयों के अस्तित्व के लिए नये-नये क्षेत्रों में रिसर्च का होना बहुत जरूरी है। आने वाले समय में विश्व राजनीति और समस्याओं के निराकरण में भारत की अहम भूमिका होगी।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन गुरूवार को बिलासपुर स्थित केन्द्रीय गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय विश्वविद्यालय संघ मध्य क्षेत्र के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत किया। द्वारा कुलपतियों के दो दिवसीय समागम का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय सच्चे इंसान गढ़ने की फैक्टरी होती है। नए-नए अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से ज्ञान का सृजन करना विश्वविद्यालय का मूल काम है।
अस्तित्व के लिए शोध जरूरी
कुलाधिपति ने बताया कि विश्वविद्यालय स्वयं के अस्तितत्व के साथ देश दुनिया की निरंतरता के लिए नित अनुसंधान करे। इस अवसर पर कुलाधिपति ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ की पत्रिका यूनिवर्सिटीस न्यूज के विशेषांक का विमोचन भी किया। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष जीडी शर्मा और विशेष अतिथि के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली की सचिव अतुल कोठारी उपस्थित थे। एआईयू मीट में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षाविद बड़ी संख्या में शामिल हुए।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा किन मध्य क्षेत्र के कुलपति सम्मेलन में आपके बीच आकर खुशी हो रही है। उम्मीद है कि बैठक से कुछ ठोस निर्णय यानी सिफारिशें सामने आएंगी। निर्णय सरकार,उच्च शिक्षा के शीर्ष निकायों और हमारे युवा छात्र छात्राओं के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
विश्व रैंकिंग को लेकर चिंता जाहिर
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने दुहराया कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों… खासकर प्रमुख संस्थानों ने अनुसंधान के मामले में अच्छा प्रदर्शन सामने आए हैं। बावजूद इसमें बहुत कुछ किये जाने की संभावना है। भारतीय विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा अन्य देशों के विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों के सामने कहीं नहीं टिकती है। विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में केवल 75 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। मतलब देश का कोई भी विश्वविद्यालय शीर्ष 200 रैंक तक नहीं पहुंचा है। सुधार के लिए एक अच्छी तरह से अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है।
स्टार्टप को दिया बढ़ावा
राज्यपाल ने कहा कि देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए मजबूत इको-सिस्टम बनाने के लिए भारत सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान‘ लॉन्च किया है। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को हैंडहोल्डिंग फंडिंग और इनक्यूबेशन के माध्यम से सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 रिपोर्ट में भी अनुसंधान और नवाचार पर पर्याप्त जोर दिया गया है।
जय अनुसंधान पर दिया जोर
हरिचंदन ने स्वतंत्रता के बाद देश की विकास यात्रा पर बोला। उन्होंने जय जवान, जय किसान से लेकर जय, जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान पर जोर दिया। बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कोरोना वैक्सीन विकसित की। इसका लाभ भारत ही नहीं दुनिया के 50 देशों को निःशुल्क वैक्सीन मिला। हमारा देश आज विश्व राजनीति में अहम भूमिका अदा कर रहा है।
हिंसा को कोई स्थान नहीं
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। समस्याओं को आपसी विचार-विमर्श से निपटाने में हमारा विश्वास है। हिंसा या अन्य कोई साधन से स्थायी शांति नहीं आती है। समारोह को भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष जीडी शर्मा, उपाध्यक्ष विनयकुमार पाठक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव अतुल कोठारी ने भी सम्बोधित किया। स्वागत भाषण केन्द्रीय गुरूघासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल और आभार कुलसचिव मनीष श्रीवास्तव ने किया।