बिलासपुर ।कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर नगर निगम के तहत करीब 400 करोड़ के विकास कामों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है।
लेकिन इस आयोजन को लेकर जो आमंत्रण पत्र छपा है उसमें नगर निगम महापौर रामशरण यादव का नाम नहीं है। इसे लेकर लोगों के बीच चर्चा है कि क्या भरोसे की सरकार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अफसर शाही पर ही अधिक भरोसा कर रही है। जिसके चलते हाल के दिनों मे आयोजित होने वाले दूसरे कार्यक्रमों में भी जनप्रतिनिधियों को अनदेखा किया जा चुका है।
जैसा कि मालूम है कि आने वाले कुछ महीनो में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दौरा हुआ। वे तखतपुर ब्लाक के परसदा (सकरी )में आवास न्याय सम्मेलन में शामिल हुए।
चुनाव के हिसाब से तखतपुर के इस हिस्से को केंद्र मानकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें तखतपुर सहित बिलासपुर ,बिल्हा ,मुंगेली ,कोटा,बेलतरा इलाके के आम लोगों की भी हिस्सेदारी हो सके।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से आवास न्याय योजना की एक तरह से लांचिंग की गई। जिसके जरिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आम लोगों को आवास की सुविधा दी जा सके।
वैसे पिछले काफी समय से बीजेपी यह मुद्दा उठाती रही है कि प्रदेश सरकार की कमजोरी की वजह से छत्तीसगढ़ में लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका । बीजेपी इसे मुद्दे के रूप में लोगों के बीच ले जाने की कोशिश करती रही है। समझा जा रहा है कि इसके जवाब के बतौर ही सरकार की ओर से यह आवास योजना शुरू की जा रही है। राहुल गांधी की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजन के पीछे एक मकसद यह भी नजर आ रहा है।
इस आयोजन में कई विभागों के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करराया गया । जिसमें बिलासपुर नगर निगम की ओर से करीब 400 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ। लेकिन इस आयोजन के लिए जो आमंत्रण पत्र बांटे गए हैं उसमें नगर निगम महापौर रामशरण यादव का नाम कहीं नजर नहीं आया। ।जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष और विधायकों के नाम छपे हैं।
बताया तो यह भी गया है कि कार्यक्रम के कुछ घंटे पहले तक नगर निगम के पार्षदों को कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पास भी नहीं मिल पाए थे। इसे लेकर नगर निगम के हलकों में चर्चा रही है कि बिलासपुर शहर के लोगों के बीच से निर्वाचित महापौर और पार्षदों को कहीं जानबूझकर तो नहीं अनदेखा किया गया है ।
वैसे हाल के दिनों मे बिलासपुर इलाके में आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भी जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा चर्चा में रही है ।जिससे आम लोगों के बीच भरोसे की सरकार का नारा फिलहाल अफसर शाही के भरोसे के इर्द-गिर्द ही घूमता नजर आ रहा है।
और जनता के बीच से चुनेगए नुमाइंदे फोकस से कहीं बाहर होते नजर आ रहे हैं।विधानसभा चुनाव के पहले जनप्रतिनिधियों को अनदेखा किए जाने की चर्चाओं के बीच और भी कई तरह के सवाल तैरने लगे हैं ।
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