बिलासपुर— राज्य और छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी बनने के बाद प्रदेश में पहली पांच दिवसीय प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बिलासपुर में किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आनलाइन 28 जनवरी को किया। कार्यक्रम में देश के साथ ही बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के लिए ऐतिहासिक पल है । क्योंकि न्यायिक अकादमी के बनने के बाद से अब तक यह प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश में किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा और न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल के मार्गदर्शन में राज्य बनने के बाद प्रदेश में पहली बार बिलासपुर में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। वर्चुअल शुभारम्भ कार्यक्रम को मुख्य न्यायाधी रमेश सिन्हा ने संबोधित किया। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा है। न्यायपालिका की क्षमता और निपुणता को बढ़ाने के राज्य न्यायिक अकादमी के उद्देश्य मील का पत्थर है।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने अपने संबोधन में बांग्लादेश से आये न्यायिक अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होने कार्यक्रम को वर्तमान समय में न्यायपालिका के लिए जरूरी बताया। साथ ही एक दूसरे के अनुभवों को आत्मसात करने पर जोर दिया। इस दौरान हाईकोर्ट न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल, संजय अग्रवाल, दीपक तिवारी, सचिन सिंह राजपूत,राकेश मोहन पाण्डेय और रविन्द्र अग्रवाल विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम में बिलासपुर के निकटवर्ती जिलों से लगभग 300 न्यायाधीश और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अधिकारीगण बी शामिल हुए।
कार्यक्रम शुभारम्भ के दौरान न्यायाधीश संजय के. अग्रवाल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल और बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के बीच समझौता के तहत आयोजित किया जा रहा है। न्यायाधीश अग्रवुाल ने कार्यक्रम को लेकर विस्तार से जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि सिविल और आपराधिक विधि के मद्देनजर नवीन विकास,महिलाओं से संबंधित कानून बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित कानूनों पर पांच दिवसीय कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा होगी। विधि महाविद्यालयों के व्याख्याता, वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य के अनुभवी न्यायिक अधिकारी व्याख्यान देंगे।
न्यायाधीश ने इस दौरान कार्यक्रम में बांग्लादेश से शिरकत करने वाले न्यायिक अधिकारियों का स्वागत किया। न्यायाधीश राकेश मोहन पाण्डेय ने कहा कि भारत एवं बांग्लादेश को जोड़ने के लिए अनेक क्षेत्र हैं। कई क्षेत्रों का न्याधीश ने उल्लेख भी किया। उन्होने बताया कि दोनों देशों का राष्ट्रगान रविन्द्रनाथ टेगोर ने ही लिखा है। यह गर्व की बात है।
छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की निदेशिका सुषमा सावंत ने धन्यवाद प्रस्ताव जाहिर किया। कार्यक्रम का संचालन अकादमी की अतिरिक्त निदेशिका गरिमा शर्मा ने किया।