भाजपा की युवा शाखा ने एक रैली निकाली। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने बंगाली भाषा की समृद्धि की याद दिलाने के लिए 19वीं सदी के एक सांस्कृतिक आइकन ईश्वरचंद्र विद्यासागर द्वारा लिखित लोकप्रिय गीत ‘बर्नपरिचय’ की प्रतियां भी ले रखी थीं।
लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा के खिलाफ हमेशा से मुखर रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी कथित टिप्पणियों को लेकर सियासी बवाल में फंसती नजर आ रही हैं। दरअसल, भाजपा समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की एक तस्वीर को प्रतीकात्मक रूप से शहद खिलाया और उनके खिलाफ रोष व्यक्त किया। गौरतलब है, केंद्र के खिलाफ धरने पर बैठीं ममता ने हाल ही में जमकर अपना गुस्सा निकाला था।
इसी को लेकर कोलकाता में भाजपा की युवा शाखा ने एक रैली निकाली। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने बंगाली भाषा की समृद्धि की याद दिलाने के लिए 19 वीं सदी के एक सांस्कृतिक आइकन ईश्वरचंद्र विद्यासागर द्वारा लिखित एक लोकप्रिय गीत ‘बर्नपरिचय’ की प्रतियां भी ले रखी थीं।
विद्यासागर जैसे दिग्गजों के आदर्शों के भी खिलाफ
युवा नेता इंद्रनील खान ने पत्रकारों से कहा, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह पीएम मोदी जैसे सम्मानित नेता के बारे में बात की है, हम उसकी निंदा करते हैं। यह बंगाल की संस्कृति और हमारी विरासत के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा कि यह विद्यासागर जैसे दिग्गजों के आदर्शों के भी खिलाफ है, जिन्होंने बंगालियों को समृद्ध भाषा से परिचित कराने के लिए ‘बर्नपरिचय’ की शुरुआत की थी। इसलिए हम मुख्यमंत्री के फोटो को शहद खिला रहे हैं।
खुद के भीतर झांकने की सलाह
रैली पर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को खुद के भीतर झांकने की सलाह दी। आरोप लगाया कि राज्य के नेता प्रतिपक्ष, शुभेंदु अधिकारी और अन्य भी बनर्जी का जिक्र करते समय अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हैं। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सीएम बनर्जी ने लगातार अपने राजनीतिक विरोधियों के प्रति सम्मान दिखाया है। इसके विपरीत, शुभेंदु अधिकारी जैसे भाजपा के नेता कथित तौर पर उन्हें ‘चोर’ करार देते हैं। इतना ही नहीं भाजपा नेता और समर्थक कांग्रेस और अन्य दलों के राष्ट्रीय नेताओं का जिक्र करते समय भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए पहले उन्हें इस तरह के बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
यह है मामला
दरअसल, पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा के फंड जारी करने की मांग को लेकर अपने हालिया विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था, ‘हमें भाजपा से भीख नहीं मांगनी है और न ही भाजपा की भीख चाहिए। 21 फरवरी तक हम उन 21 लाख श्रमिकों के बैंक खातों में पैसे अंतरित कर देंगे, जिन्हें पिछले तीन साल से काम करने के बाद भी मनरेगा का पैसा नहीं मिला है। यह मेरा पहला कदम है।
सीएम ममता ने आगे कहा था, ‘केंद्र सरकार सोच रही है कि वे बंगाल को भूखा मार देंगे। हम उन्हें इसमें सफल नहीं होने देंगे, मुझ पर भरोसा रखें, मैं धीरे-धीरे उन फंडों को निकालने की कोशिश करूंगी जो अभी भी अटके हुए हैं।’
जब तक जिंदा हूं लड़ती रहूंगी…
ममता ने कहा था, ‘यह लड़ाई उन लोगों के लिए है जो वंचित हैं। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और बंगाल में एक भी गरीब व्यक्ति को वंचित नहीं होने देंगे। जब तक मैं जीवित हूं, मैं आप लोगों के लिए लड़ती रहूंगा।’
बनर्जी ने बताया था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक देगी और दावा किया कि यदि सभी विपक्षी दल एक साथ आ गए तो केंद्र में भाजपा सरकार निश्चित रूप से गिर जाएगी। उन्होंने कहा था, ‘मैं पूरी ताकत लगाऊंगी और जीतूंगी। अगर सभी राज्य, सभी फ्रंटल संगठन और सभी क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल आगे आते हैं, तो मुझे लगता है कि भाजपा का पतन निश्चित है। अगर भाजपा सोचती है कि वे यहां लंबे समय तक रहने वाले हैं तो वे गलत हैं। उन्होंने लंबे समय तक लोगों पर अत्याचार किया है।’
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