नई दिल्ली ,3 अगस्त (आईएएनएस)। आदिल हुसैन एक बेहद संजीदा और बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता हैं। उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से भारतीय फिल्म इंड्रस्टी में अलग पहचान बनाई है। अपने दो दशकों के अब तक के करियर में उन्होंने विभिन्न विषयों पर फिल्में की हैं।
शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में शामिल एक कार्यक्रम में आदिल ने फिल्म फेस्टिवल की उपयोगिता और इसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना होता है। साथ यह बेहद जरूरी है कि किसी तरह की जागरूकता फैलाई जा रही है। फिल्म फेस्टिवल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। यह विभिन्न तरह की कला को एक मंच पर लाता है।
उन्होंने कहा कि मैं भी इससे बेंगलुरु और पांडिचेरी में जुड़ा हूं। हर जनरेशन को आर्ट और कल्चर के बारे में जानना बेहद जरूरी है। कई पीढ़ियों को ग्रामीण भारत को जानने का मौका मिला। भारत एक देश नहीं बल्कि महादेश है। भारत के ग्रामीण जीवन के कई प्रकार हैं। लोगों को इसके बारे में जानना चाहिए। शहरी व्यक्ति हर समय अपने मोबाइल, स्क्रीन पर व्यस्त होता है। वो भी तब जब वो अपने माता-पिता से बात कर रहे होते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ सिनेमा बहुत अच्छा कर रहे हैं। सिनेमा को पैसा चला रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर देखा जाता है कि भारत के लोग जो फिल्मों में पैसा लगा रहे हैं, उनकी शिक्षा काफी नहीं है। उन्हें शिक्षित होने की बहुत जरूरत है।
बता दें कि आदिल हुसैन ने “लाइफ ऑफ पाई”, “द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट” और “मुक्काबाज” जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया है। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है। आदिल ने ‘इंग्लिश विंग्लिश’, ‘हाईवे’ और ‘अय्यारी’ जैसी फिल्मों में भी यादगार अभिनय किया है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी