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बजट..कांग्रेस नेताओं ने कहा…खोदा पहाड़ निकली चुहिया..वित्त मंत्री ने साबित किया..सरकार के पास विजन का अभाव
बिलासपुर— केन्द्रीय वित्त मंत्री ने लगातार देश का सातवां बजट किया। लेकिन कांग्रेस नेताओं को बजट ने निराश किया है। कांग्रेस अध्यक्ष विजय पाण्डेय और विजय केशरवानी ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि देशवासयों को अभी कितना कुछ सहना होगा। देश की जनता को मोदी सरकार ने लगातार 11 वीं बार ठगा है। बजट में केवल और केवल अपनों को ध्यान दिया गया है। गरीब,युवा किसान और महिलाओं के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। यदि दिखाई दे भी रहा है तो मृग मरीचिका से ज्यादा कुछ नहीं है।
नाम बड़े और दर्शन छोटे–शैलेश पाण्डेय
*बेरोज़गारी और महंगाई की तकलीफ़ पर मरहम भी नहीं दिया*
पूर्व शैलेष पाण्डेय ने मोदी केन्द्रीय बजट को नाम बड़े और दर्शन छोटे कहा है। उन्होने बताया कि महंगाई पर कोई बात नहीं हुई है। बजट में किसी को राहत नहीं है। देश महंगाई और बेरोज़गारी की आग में जल रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नीरो की तरह व्यवहार कर रहे हैं। बजट से जाहिर हो गया है कि मोदी सरकार ग़रीबों से परहेज है। इस सयम देश में बेरोजगारी सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। उम्मीद थी युवाओं को बजट में राहत मिलेगी। लेकिन हमेशा की तरह केन्द्र सरकार ने एक बार फिर युवाओं को तोड़ कर रख दिया है।
युवाओं का सपना चकनाचूर
चतुराई से कुछ युवकों के लिए इंटर्नशिप का कार्ड खेला गया है। अच्छा होता कि वित्त मंत्री कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को पूरी तरह से कापी कर लेती तो शायद युवाओं की किस्तमत चमक जाती। बजट से जाहिर हो गया है कि केन्द्र सरकार के पास विकास का कोई ठोस माडल नहीं है। बजट में केवल और केवल बाजीगारी का खेल हुआ है। युवा आज भी उम्मीद है कि काश मोदी सरकार पंद्रह लाख रूपये खाते में डाल देते। शैलेष ने बताया कि सर्विस क्लास के लिए ऊँट के मुँह में ज़ीरा जैसा राहत है। मध्यम वर्गीय परिवारों का दायरा बड़ा है।  उन्हें बड़े तोहफ़े की उम्मीद थी लेकिन निराशा हाथ लगी है।
गरीबों को छोड़ा भगवान भरोसे
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि केंद्रीय बजट हताशा और निराशा से भरा है। हर वर्ग बढ़ती महंगाई से परेशान है। पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों की नियंत्रण पर किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया गया है। 2022 तक किसान की आमदनी दुगनी करने का वादा था। किसानों की आमदनी कैसे बढ़े कोई योजना नही है,। देश को कुटीर और लघु उद्योग से सबसे अधिक विदेशी मुद्रा और रोजगार देने वाले सेक्टर है। लेकिन उनके संरक्षण और संवर्धन को लेकर किसी प्रकार का प्रयास बजट में दिखाई देने को नहीं मिला है। कुल मिला कर बजट  पूर्व की भांति पूँजीपति, उद्योगपतियों को लाभ देने वाला है। मोदी सरकार ने गरीबों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया
 ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि बढ़ती महंगाई से देश का हाल बेहाल है। बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एलान कर दिया है कि गरीबों को जीने का अधिकार नहीं है। उन्होने गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को मिटाने का फैसला किया है। मनरेगा से काम तो मिल जाता है पर मजदूरी अपर्याप्त है। महंगाई के साथ मजदूरी में बढ़ोतरी करना जरूरी था। युवाओ  के लिए स्थायी नौकरी की सृजन की व्यवस्था नहीं है। सरकार ने बजट में सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को खुश किया है। अन्य राज्यो के साथ स्पष्ट भेदभाव बजट की सबसे बड़ी उपलब्धि है। बजट पर खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत फिट बैठती है।
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