रायपुर. नॉर्थईस्ट इंडिया की खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं है. अपने हरे-भरे वातावरण के लिए भारत का ये हिस्सा विदेशी सैलानियों को भी खूब भाता है. यहां पर आपको प्रकृति के शानदार नजारे और अजूबे देखने को मिलेंगे. आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद आपने भी कल्पना न की हो. ये जगह भारत के खूबसूरत उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में स्थित है. इस जगह को लोकटक लेक के नाम से जाना है. जहां लोकटक लेक में भारत का पहला तैरता स्कूल भी है.
भारत का पहला तैरता स्कूल
आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि, लोकटक लेक में एक ऐसा स्कूल भी है, जो इस झील के बीचो-बीच स्थित है. इसी वजह से इसे भारत का पहला तैरता स्कूल भी कहा जाता है. इस स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स किश्ती के सहारे पहुंचते हैं. ये स्कूल मणिपुर की राजधानी इंफाल से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
साल 2017 में हुई थी शुरुआत
साल 2017 में इस स्कूल की शुरूआत की गई थी. इस स्कूल को मछुआरों की यूनियन ने एक एनजीओ के साथ मिलकर बनाया था. खास बात ये है कि, यहां बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी शिक्षित किया जाता है.
मणिपुर की लाइफलाइन
लोकटक लेक को मणिपुर की लाइफलाइन भी कहा जाता है. इस लेक पर कई लोग निर्भर हैं. ये झील पक्षियों के लिए भी जरूरी जगह मानी जाती है. यह प्राचीन झील बिजली उत्पादन, सिंचाई और पीने के पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये झील मछुआरों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है.
पर्यटकों की पसंदीदा जगह
लोकटक झील को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं. ज्यादातर लोग यहां के होटलों और होमस्टे में रहते हैं. लेकिन इस झील का सुंदर नजारा देखने के लिए लोग भी स्थानीय मछुआरों के साथ रहना पसंद करते हैं.
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