Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
भारतीय सेना को जल्द मिलेगा आर्टिलरी गन सिस्टम, दुश्मनों के लिए बनेगा काल

नई दिल्ली। दुश्मनों के मंसूबों को काल बन कर पल भर में ध्वस्त करने के लिए देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को एक और अत्याधुनिक आर्टिलरी गन सिस्टम परीक्षणों के बाद जल्द सेना को सौंपा जा सकता है । रक्षा सूत्रों के अनुसार एटीएजीएस प्रणाली को एक ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है । यह डीआरडीओ और भारतीय निजी क्षेत्र के बीच एक सफल साझेदारी का परिणाम है।

रक्षा अधिग्रहण परिषद की मिली मंजूरी
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि भारतीय सेना मैकेनाइज्ड फॉर्मेशन के लिए मारक क्षमता बढ़ाने के लिए के-9 वज्र को शामिल करने के लिए तैयार है। इनको शामिल करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की मंजूरी भी मिल गई है ।  वज्र ने भारतीय सेना की क्षमता को मारक क्षमता और एक्शन के मामले में कई गुना बढ़ा दिया है । फिलहाल सेल्फ प्रोपेल्ड गन वज्र देश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। वहीं एटीएजीएस  का भी 15,000 फीट की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।

क्या है एटीएजीएस
एटीएजीएस एक स्वदेशी लंबी दूरी की कैलिबर होवित्जर तोप है जिसे एटीएजीएस परियोजना के तहत डीआरडीओ द्वारा 2013 में सेना की पुरानी तोपों को आधुनिक 155 मिमी आर्टिलरी गन से बदलने के लिए शुरू किया गया था । जंग खा रही पुरानी तोप के मुकाबले एटीएजीएस की आयुध प्रणाली में मुख्य रूप से बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, मजल ब्रेक और रिकॉइल मैकेनिज्म होता है, जो सेना को लंबी दूरी, सटीकता और 155 मिमी कैलिबर के साथ गोला बारूद को फायर करने के लिए अधिक मारक क्षमता प्रदान करता है । साथ ही इस तोप को लंबे समय तक रखरखाव मुक्त और इसके रिलाएबल ऑपरेशन को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक ड्राइव के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है।

52 किलोमीटर तक साध सकती है निशाना
एटीएजीएस  तोप आंखों से न दिखने वाले टारगेट पर भी बेहद सटीक निशाना साध सकती है । यह आर्टिलरी गन अपनी श्रेणी की तोपों की तुलना में दो टन हल्की है और इसे बेहतर सटीक और अधिक रेंज प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है । डीआरडीओ  के अनुसार 52 किलोमीटर की रेंज के साथ एक समय में लगातार पांच राउंड फायरिंग करने में सक्षम एटीएजीएस दुश्मन को संभलने तक का मौका नहीं देती है. फिलहाल रक्षा विशेष्ज्ञ एटीएजीएस की रेंज को रैमजेट प्रोपल्शन की मदद से 60 किलोमीटर से अधिक करने के लिए कार्य कर रहे हैं ।  

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर

https://theruralpress.in/2022/09/28/indian-army-will-soon-get-the-artillery-gun-system/