रायपुर/ 03 सितंबर 2022। देश में बेतहाशा बढ़ी हुई महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस के द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली का आयोजन किया गया है। प्रेदश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के कुप्रबंधन और गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई चरम पर है। आम आदमी का जीना दूभर हो गया है, रोजमर्रा के सामान और आवश्यक वस्तुओं के दामो में पिछले 8 सालों में 148 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गयी है। पेट्रोल-डीजल के दाम इतिहास के उच्चतम स्तर पर इसलिये हो गये है क्योंकि केन्द्र सरकार उस पर आजादी के बाद अब तक का सबसे ज्यादा एक्साइज टैक्स मोदी सरकार वसूल रही है। कांग्रेस महंगाई के खिलाफ लगातार आंदोलनरत है। कांग्रेस आमजनता की पीड़ा और दुख की अभिव्यक्ति के लिये रामलीला मैदान में विरोध करेगी देश भर में कांग्रेस के लोग इक्टठ्ा होकर विरोध करने दिल्ली पहुंचे है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यदि यूपीए शासन काल से तुलना करें तो आज हर चीज की कीमत बेहिसाब बढ़ी हुई है। कुछ चीजों के दाम दोगुने से भी अधिक हो गए हैं। एलपीजी सिलेंडर वर्ष 2014 में 410 रू. प्रति सिलेंडर थी जो वर्ष 2022 में 1100 प्रति सिलेंडर कीमत में 166 प्रतिशत की वृद्धि, पेट्रोल 2014 में 71 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2022 में 100 रू. प्रति लीटर, कीमत में 40 प्रतिशत की वृद्धि, डीजल वर्ष 2014 में 57 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2022 में 95 रू. प्रति लीटर कीमत में 75 प्रतिशत की वृद्धि, सरसों तेल वर्ष 2014 में 90 रू. प्रति किलो थी, जो वर्ष 2022 में 200 रू. प्रति किलो कीमत में 122 प्रतिशत की वृद्धि, आटा वर्ष 2014 में 22 रू. प्रति किलो थी जो वर्ष 2022 में 35-40 रू. प्रति किलो कीमत में 81 प्रतिशत की वृद्धि, दूध वर्ष 2014 में 35 रू. प्रति लीटर थी जो 2022 में 60 रू. प्रति लीटर कीमत में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह सब्जियों की कीमतों में 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। नमक 41 प्रतिशत महंगा हुआ है। दालें 60-65 प्रतिशत तक महंगी हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार महंगाई को तो नियंत्रित कर नहीं पा रही है उल्टा पहले से ही परेशान जनता पर टैक्स का बोझ डाल कर अपना खजाना भरने में लगी है। भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रू. प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रू. प्रति लीटर। मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर पेट्रोल पर 32.98 रू. प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रू. प्रति लीटर कर दिया। ये सरकार यूपीए की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर 186 प्रतिशत ज्यादा टैक्स वसूल रही है। 2021-22 में देश का कुल कर संग्रह भी 34 फीसदी बढ़कर 27.07 लाख करोड़ हो गया, जो बजट में लगाए गए 22.17 लाख करोड़ के अनुमान से 5 लाख करोड़ ज्यादा है। इसमें एक बड़ा हिस्सा जीएसटी का है। सरकार पहले ही जीएसटी से इतना पैसा कमा रही है फिर भी इसकी भूख शांत नहीं हो रही। अब आटा, दही, पनीर, जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दी गई है।