मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी की मुश्किल बढ़ी हैं, लेकिन पार्टी इसे अपने विस्तार के लिए हथियार बनाने की तैयारी में है। गिरफ्तारी की आशंका के बाद सुबह से ही आप इस मामले पर हमलावर रही। पूर्वोत्तर के दो राज्यों मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान आज शुरू हो गया है। लोकतंत्र के इस पर्व के लिए मंच सज चुका है। सोमवार 27 फरवरी को दोनों राज्यों के मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत EVM में तय होगी।
AAP पर आई ‘आपदा’ के बाद क्या करेंगे केजरीवाल
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी की मुश्किल बढ़ी हैं, लेकिन पार्टी इसे अपने विस्तार के लिए हथियार बनाने की तैयारी में है। गिरफ्तारी की आशंका के बाद सुबह से ही आप इस मामले पर हमलावर रही। पहली बार किसी गिरफ्तार नेता के घर पहुंचकर सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कर दिया कि पार्टी इसे अलग अलग राज्यों में मुद्दा बनाएगी।
अन्ना आंदोलन से सीएम अरविंद केजरीवाल के साथी रहे मनीष सिसोदिया को आप का संकटमोचन माना जाता रहा है। उनके शिक्षा मॉडल के आधार पर पार्टी अलग अलग राज्यों में चुनाव लड़ी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। दूसरे राज्यों में आप के विस्तार में मनीष की भूमिका भी अहम रही है।
पंजाब में जीत और गुजरात में खाता खोलने के बाद आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और राजस्थान में गंभीरता से विस्तार में जुटी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे, राजद नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर चुके हैं। आप की नजर इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी है। मनीष की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी की रणीनीति अक्रामक हो सकती है।
मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार में पीडब्लूडी, शिक्षा, वित्त, स्वास्थ समेत 18 विभाग हैं। सतेंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद जैन के सभी विभाग भी मनीष को दे दिए गए थे। अब मनीष की गिरफ्तारी के बाद आप के सामने नया बजट पेश करना, इन विभागों को दूसरे मंत्रियों को देना बड़ी चुनौती होगी। दो मंत्रियों के जेल में जाने के बाद आप के सामने बगैर उन्हें मंत्री पद से हटाए नए मंत्री बनाना भी संभव नहीं है।
आप का उदय भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हुआ था। चुनावों में आप भ्रष्टाचारों को मुद्दा बनाती रही है। आबकारी मामले में उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से आप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा ने मनीष की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार को घेरने का प्रयास किया है तो उधर आप दिनभर अक्रामक रही। सुबह मनीष रोड शो करते हुए राजघाट पहुंचे। वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो भावुक हो उठे। रुंधे गले से कहा कि मेरी पत्नी बीमार है और बेटे का ध्यान रखना। आप को सुबह से गिरफ्तारी की आशंका थी। दिनभर राज्यसभा सांसद संजय सिंह, दिलीप पांडे, आतिशी, सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता कर मोर्चा संभाला तो मनीष की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मनीष के घर पहुंचे। पहली बार किसी आप नेता की गिरफ्तारी पर दो-दो सीएम उनके घर पहुंचे हैं।
आबकारी मामले की एफआईआर अगस्त में दर्ज हो गई थी। बार बार सीबीआई रेड के बाद भी मनीष को गिरफ्तार नहीं करने को आप ने कई बार मुद्दा बनाया। आप का कहना था कि मनीष के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के बाद सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई।
विस्तार प्लान पर निकलने वाले हैं केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पार्टी के विस्तार के लिए अगले माह चार राज्यों के दौरे पर जा रहे हैं। वे चार मार्च को कर्नाटक, पांच को छत्तीसगढ़, 13 मार्च को राजस्थान और 14 को मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक फौरी तौर पर मनीष की गिरफ्तारी का असर इन दौरों पर नहीं पड़ेगा। आम आदमी पार्टी अलग अलग राज्यों के दौरों पर मनीष की गिरफ्तारी को मुद्दा बना सकते हैं। इस गिरफ्तारी आप के विस्तार अभियान पर असर पड़ेगा, या वह इसे अपने विस्तार में हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। यह आने वाले दिनों में आप की रणनीति से तय होगा। इतना जरूर है कि आने वाले दिन दिल्ली की सियासत में रोमांचक होने वाले हैं।
गुजरात चुनाव में भी बनाया था मुद्दा
दिल्ली में निगम चुनाव और गुजरात चुनावों से पहले भी मनीष की गिरफ्तारी की आशंका जताई गई थी, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। उधर सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वे मामले को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटे थे। पूरी तैयारी के बाद रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया।
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