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माइक्रो फायनेंस कम्पनी का बड़ा फर्जीवाड़ा…आरोपी गिरफ्तार…पांच साल में करोड़ों की ठगी..पत्नी भी शामिल

बिलासपुर–सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों की चूना लगाने के जुर्म में पुलिस ने दो आरोपियों को गिऱफ्तार किया है। पकड़े गए दोनो आरोपी मानस रंजन मिश्रा और प्रभा मिश्रा है। दोनो आरोपी पति पत्नी हैं। दोनों आरोपियों ने पिछले चार पांच साल के बीच लोन और इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।

करोड़ों रूपयों का फर्जीवाड़ा

अतिरिक्त पुलिस कप्तान उमेश कश्यप ने पत्रकारो को बताया कि मानस रंजन मिश्रा और प्रभा मिश्रा, सरकण्डा थाना क्षेत्र में पिछले 4-5 सालों में माइक्रो फाउंडेश फर्जी कम्पनी का संचालन कर रहे हैं। इस दौरान जानकारी मिली कि कम्पनी भारत सरकार के कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स मंत्रालय से रजिस्टर्ड है। लोगों के अनुसार कम्पनी ऐंजल इन्वेस्टर्स,वेंचर केपिटल और इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स से पैसे प्राप्त करने की पात्रता है। पिछले कुछ सालों से सैकड़ों लोगों से नगद,चेक और अन्य माध्यमों से एक अन्य कम्पनी एपी वेंचर्स में प्रलोभन देकर ग्राहकों से इन्वेस्ट कराया गया।

शिकायत पर छानबीन

उमेश कश्यप ने बताया कि मामले में पीड़ित वीरेंद्र मसीह ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि कम्पनी ने प्रलोभन दिया कि  23 लाख 27 हजार रुपए जमा कराया गया। बताया गया कि  12 माह में रूपया दोगुना हो जाएगा। इसी तरह अन्य लोगों से प्रभा मिश्रा और रंजन मिश्रा ने लगभग 2.5 करोड़ रुपए से अधिक इन्वेस्ट कराया। लेकिन पति पत्नी ने किसी को भी दो गुना रूपया लौटाना तो दूर एक रूपया भी ग्राहकों को नहीं दिया है।

छापामार कार्रवाई

पुलिस ने वीरेंद्र मसीह के आवेदन पर आईपीसी की धारा 420, 409, 120(B)  के तहत मानस रंजन मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। प्रभा मिश्रा की पतासाजी की जा रही है। आरोपी मानस रंजन मिश्रा के निशानदेही पर माइक्रो फाउंडेशन के सिटी कॉम्प्लेक्स स्थित ऑफिस में तलाशी अभियान चलाया गया। फर्जीवाड़े से संबधित विभिन्न दस्तावेज और कम्प्यूटर सिस्टम को जब्त किया गया।

उम्मीद से बड़ा फर्जीवाड़ा

उमेश कश्यप ने बताया कि दस्तावेज छानबीन के दौरा प्रथम दृष्टया फर्जीवाड़ा पाया गया है।  फर्जीवाड़ा उम्मीद से बहुत बड़ा है। और बढ़ने की संभावना भी है। अतिरिक्त पुलिस कप्तान के अनुसार पिछले दिनों सिविल लाइन थाना क्षेत्र में इसी प्रकार के फर्जीवाड़े का पुलिस ने खुलासा किया है। मामले में विनय कृष्ण रात्रे ने लोगों से लगभग 35 से 40 करोड़ रुपए की ठगी का आरोपी पाया गया। विनय कृष्ण रात्रे को आईपीसी की  धारा 420, 467, 468, 471 के तहत जेल दाखिल कराय गया है।

https://www.cgwall.com/accused-of-big-fraud-of-micro-finance-company-arrested-cheated-crores-of-rupees-in-five-years/