सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई से कुछ घंटे पहले चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे दोबारा मेयर चुनाव होने का रास्ता साफ हो गया।
आप के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने और नगर निगम सदन में भाजपा उम्मीदवार को अपना समर्थन देने की संभावना है।
बागी पार्षदों में गुरचरणजीत सिंह काला, नेहा और पूनम हैं।
इस समय नगर निगम सदन में भाजपा के पास कुल 15 वोट हैं – 35 सदस्यीय सदन में 14 पार्षद और पदेन सदस्य यानी एक सांसद।
आप के पास 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के 7 पार्षद हैं।
सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।
वफादारी बदलने से भाजपा के पास 18 वोट हो जाएंगे, जबकि आप 10 वोटों पर सिमट जाएगी।
पिछले साल जनवरी में हुए चुनाव में 29 वोट पड़े थे, जिनमें से भाजपा के अनूप गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाडी को सिर्फ एक वोट से हराकर मेयर का चुनाव जीता था।
गुप्ता को 15, जबकि सिंह को 14 वोट मिले।
कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 2022 में भी विभिन्न कारणों से एक वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से जीत गए थे।