रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पीएससी के मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सत्ता की भूख में रमन सिंह पीएससी जैसी विश्वसनीय संस्था को बदनाम कर रहे है।
राज्य लोक सेवा जैसी संस्था के नाम पर रमन सिंह और भाजपा स्तरहीन राजनीति कर रहे है। पीएससी में गड़बड़ी के कोई भी तथ्य एवं साक्ष्य रमन सिंह के पास नहीं है सिर्फ सरकार को बदनाम करने कुचेस्टा में झूठे आरोप लगा रहे है।
शुक्ला ने कहा है कि रमन सिंह में साहस हो तो वे नान घोटाले, चिटफंड घोटाले और पनामा पेपर घोटाले की जांच के लिये भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखे। रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते भाजपा नेता चंद्रशेखर साहू जो उस समय पीएससी के मेंबर भी थे ने प्रेस कांफ्रेस लेकर पीएससी में गड़बड़ी के आरोप लगाया था तब रमन सिंह ने उसकी जांच भी नहीं करवाया था आज गलत आरोप लगाकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
शुक्ला ने कहा कि अमूमन किसी भी परीक्षा में गड़बड़ियो को लेकर प्रश्न पत्र लीक होने, किसी परीक्षार्थी ने लेनदेन की प्रमाणिक शिकायत, किसी कोचिंग संस्थान के पूर्व अनुमानित प्रश्न पत्रों के सेट से पीएससी के प्रश्न पत्र हू-बहू मिल रहे हो।।
मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों के इन्टरव्यू के नंबर लिखित परीक्षा के अंको में बहुत ज्यादा असमानता नजर आ रही थी। चयन का आधार इंटरव्यू के नंबरों की अधिकता हो।
वर्तमान में आयोग के परीक्षा परिणामों पर ऐसा कोई भी आरोप नहीं लगा है उसके बावजूद गड़बड़ी के मनगढ़ंत आरोप लगाना भाजपा का निम्न स्तरीय हथकंडा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने स्पष्ट कहा है कि यदि पीएससी के चयन सूची में गड़बड़ी के कोई भी ठोस आधार साक्ष्य है तो उसको सामने लाये जांच की जायेगी कड़ी कार्यवाही की जायेगी। अपने राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये राज्य लोक सेवा आयोग पर सवाल किया जाना सर्वथा अस्वीकार्य है।
The post रमन सिंह पीएससी ही नहीं नान, चिटफंड और पनामा पेपर की जांच के लिये भी पीएम को पत्र लिखें appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.