रायपुर । लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों से बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम सामने आ गए हैं। जिसमें एक मामले में दोनों ही पार्टियां बराबरी पर नजर आती है कि दोनों ने 11 में से तीन – तीन महिला उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं।
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों के लिए बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट पर नजर डालें तो एक बात समान नजर आती है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने इस बार महिला उम्मीदवारों को करीब 33 फ़ीसदी यानी लोकसभा की तीन-तीन सीटें दी है।
पिछले कुछ समय से महिला आरक्षण बिल की चर्चा से इस बात को अधिक तवज्जो दी जा रही है कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए । 2023 के पिछले विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मुद्दा भी प्रभावी रहा । छत्तीसगढ़ में बीजेपी की महतारी वंदन योजना और मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की खूब चर्चा रही ।
इन दोनों राज्यों में बीजेपी को मिली कामयाबी के पीछे इन योजनाओं की भी प्रमुख भूमिका मानी जाती है ।इसके मद्देनजर माना जा रहा था कि इस बार लोकसभा चुनाव में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में भी लोगों की नजर रहेगी।
जैसा कि मालूम है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट काफी पहले आई। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में 11 में से तीन लोकसभा क्षेत्र में महिला उम्मीदवारों को टिकट दी। जिसमें कोरबा से सरोज पांडे ,जांजगीर से कमलेश जांगड़े और महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी शामिल है।
बीजेपी ने सामान्य वर्ग के साथ ही अनुसूचित जाति और ओबीसी महिला को टिकट देकर एक संतुलन का संदेश दिया। लिस्ट आने के बाद भाजपा नेताओं ने इस बात पर जोर दिया था कि उनकी पार्टी महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में आगे है
।लेकिन इस मामले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भी पीछे नजर नहीं आ रही है।मंगलवार की शाम कांग्रेस की सूची आने के बाद अब छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय हो गए हैं। बीजेपी की तरह कांग्रेस ने भी 11 में से तीन सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे हैं।
जिनमें कोरबा से ज्योत्सना महंत, सरगुजा से शशि सिंह और रायगढ़ से डॉ. मेनका देवी सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस ने ओबीसी महिला उम्मीदवार के साथ ही दो सीटों पर अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को टिकट दी है। कांग्रेस की लिस्ट में तीनों महिला उम्मीदवार उत्तर छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीट कोरबा, सरगुजा और रायगढ़ से हैं।
अब देखना यह है कि महिलाओं को टिकट देने के मामले में बराबरी पर नजर आ रही दोनों प्रमुख पार्टियों को मतदाताओं की ओर से किस तरह का रिस्पांस मिलता है ।