कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की ताल ठोकते हुए तीसरा मोर्चा बनाने की पहल करने वाले दलों को निशाने पर लिया और कहा कि 2024 में तीसरी ताकत की कोई पहल सीधे-सीधे भाजपा-राजग को फायदा पहुंचाएगी। साथ ही पार्टी ने अपने में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में विपक्षी एकता की तत्काल जरूरत को देखते हुए समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने के लिए पूरी ताकत झोंकने की घोषणा की है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस दिशा में अब तक कांग्रेस से दूरी बनाते रहे दलों को साधने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का एलान करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के लिए पार्टी कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है।
कांग्रेस महाधिवेशन की शुरुआत करते हुए खरगे ने कहा कि 2004 से 2014 तक ने संप्रग के रूप में समान विचारधारा वाले दलों का नेतृत्व कर देश की मजबूती से सेवा की। मनमोहन सिंह के रूप में एक बेहद ईमानदार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लोक हितकारी सरकार को साजिश के तहत बदनाम किया गया।
लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की दावेदारी पेश करते हुए खरगे ने कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो सक्षम और निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष की तत्काल आवश्यकता है। किसी तीसरी ताकत के उभरने से भाजपा-राजग को ही फायदा होगा।
इसके जरिये तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी, जदएस जैसे उन दलों को घेरने की कोशिश की गई है, जो कांग्रेस से किनारा करते हुए विपक्षी एकता के प्रयासों में जुटे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने एक दृष्टि पत्र तैयार करने की भी बात कही है, जिसमें बेरोजगारी, गरीबी उन्मूलन, महंगाई, महिला सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में खरगे ने कहा कि देश संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों पर निरंतर हमले, चीन से लगी सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा, भारी महंगाई और रिकार्ड बेरोजगारी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। मगर इसका समाधान नहीं निकाला जा रहा, क्योंकि दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों का डीएनए ‘गरीब विरोधी’ है और वे लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को प्रधान सेवक कहने वाले अपने मित्रों के हितों की सेवा कर रहे हैं। राजनीतिक प्रस्ताव में भारत जोड़ो यात्रा को सत्ता से लड़ने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कांग्रेस ने शासन के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्यापालिका पर हो रहे प्रहारों की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए मीडिया की स्वतंत्रता को मजबूत करने की बात कही।
घृणा अपराधों को रोकने के लिए नया कानून बनाने से लेकर संघवाद को मजबूत करने के लिए राज्यपालों के पद का दुरुपयोग रोकने की भी पार्टी पहल करेगी। उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा बहाल करने की भी बात कांग्रेस ने कही है।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का भी कांग्रेस के प्रस्ताव में जिक्र है, मगर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है। मालूम हो कि जब इस विवादित अनुच्छेद को हटाया गया था, तब कार्यसमिति के प्रस्ताव में इसे अलोकतांत्रिक तरीके से हटाने की बात कही गई थी।
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