रायपुर। महासमुंद में बतौर SDM पदस्थ रहे भागवत प्रसाद जायसवाल को शासन ने नोटिस जारी किया है। तबादले के बाद भी नवीन पदस्थापना वाले जगह पर जॉइनिंग नहीं देने पर सरकार ने जायसवाल से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
दरअसल महासमुंद जिले में एसडीएम रहे भागवत प्रसाद जायसवाल के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें रहीं हैं, जिसके चलते उन्हें हटाकर नए जिले बिलाईगढ़-सारंगढ़ में पदस्थ किया गया है। उन्हें एक सितंबर को नए जिले में अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करने का आदेश था।
राज्य शासन द्वारा जारी नोटिस में उल्लेख है कि बिलाईगढ़-सारंगढ़ नए जिले का शुभारंभ 3 तारीख को किया गया। इस कार्यक्रम में भगवत जायसवाल न तो उपस्थित हुए, और न ही उन्होंने जॉइनिंग दी। इतना ही नहीं इस सिलसिले में उन्होंने विभाग को कोई सूचना तक नहीं दी। सरकार ने इस मामले में काफी गंभीरता दिखाई है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नोटिस में 3 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है और यह भी कहा गया है कि किसी तरह का जवाब नहीं मिलने की स्थिति में यह मान लिया जाए कि आपको इस पर कुछ नहीं कहना है। शासन के आदेश की अवहेलना के लिए सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि जायसवाल के खिलाफ महासमुंंद में किसानों ने कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था, और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा जायसवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद ही उन्हें हटाया गया।
वहीं मासमुंद से यह खबर भी सामने आ रही है कि तबादले के बावजूद भागवत प्रसाद जायसवाल को रिलीव नहीं किया जा रहा था। प्रदेश के 17 अधिकारियों की तबादला सूची में भागवत प्रसाद जायसवाल का नाम भी शामिल था, मगर उन्हें रोककर रखा गया। बहरहाल वास्तविकता क्या है, इसका खुलासा भागवत प्रसाद जायसवाल द्वारा नोटिस का जवाब दिए जाने के बाद ही हो सकेगा।