रायपुर 02 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है जिससे व्यक्ति का विकास संभव है।
श्री बघेल ने आज यहां आयोजित प्रांतीय आर्य महासम्मेलन एवं ज्ञान ज्योति पर्व कार्यक्रम में कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने जिस आंदोलन की शुरूआत की थी हमें आज उसका परिणाम देखने को मिल रहा है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए आवाज उठायी थी और इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ के कालेजों में पुरूषों से ज्यादा संख्या महिला विद्यार्थियों की है।
उन्होने स्वामी दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150वें स्थापना दिवस पर स्वामी दयानंद सरस्वती जी और तुलाराम आर्य परगनिहा जी को नमन करते हुए ज्ञान ज्योति पर्व मनाने के लिए सभी को बधाई दी। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में आर्य समाज के संस्थापक और महान दानवीर तुलाराम आर्य परगनिहा जी के प्राकट्य दिवस पर उनका स्मरण करते कहा कि श्रद्धेय तुलाराम आर्य जी ने छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर समाज सुधार की दिशा में सराहनीय प्रयास किए हैं हम उन्हें उनकी दानशीलता के लिए भी याद करते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि किसी भी समाज के विकास की प्रक्रिया बहुत लंबी और बहुत जटिल होती है और एक उन्नत समाज को आकार लेने में सदियां लग जाती हैं। नये विचारों की स्थापना और पुराने विचारों के संशोधन-परिमार्जन से ही समाज प्रगतिशील होता है, उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।हमारा भारतीय समाज एक प्रगतिशील समाज है क्योंकि हमने हमेशा ही नये विचारों का स्वागत किया है। हम जिसे सनातन परंपरा कहते हैं, वह अनादि-काल से चली आ रही है, वह अनंतकाल तक चलती रहेगी।
प्रांतीय आर्य महासम्मेलन एवं ज्ञान ज्योति पर्व में शामिल होने के लिए दिल्ली से आए स्वामी आर्यवेश ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि गौठान योजना शुरू करके राज्य में न सिर्फ मवेशियों का संरक्षण किया जा रहा है बल्कि इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। स्वामी आर्यवेश ने कहा कि राम वन गमन पथ योजना को आकार देकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक अमिट कार्य किया है।
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