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समीक्षा बैठक में भड़के कलेक्टर…मांगा निकम्मे CMO की सूची…रोका चिकित्सा अधिकारी का वेतन…और इन्हें चाय पर बुलाया

 बिलासपुर—-कलेक्टर अवनीश शरण ने स्वास्थ्य विभाग की मैराथन बैठक में लापरवाह लापरवाह चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया है। साथ ही अच्छा काम करने वाले चिकित्सक और कर्मचारियों  को चाय पर आमंत्रित भी किया है। कलेक्टर ने जोर देते हुए दो टूक निर्देश दिया कि प्रबंधन काम काज को बेहतर करे..अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी। अवनीश शरण ने दुहराया कि संसाधनों से ज्यादा सेवा भावना को अहमियत दें।

कलेक्टर  अवनीश शरण ने अस्पतालों की बुनियादी जरूरतों और सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को बुनियादी चिकित्सा सुविधा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अस्पतालों की बुनियादी ज़रूरतें प्राथमिकता के साथ पूरी की जा रही हैं। लेकिन इससे ज्यादा चिकित्सकों और स्टाफ में मरीजों के प्रति समर्पण और सेवा भावना का होना जरूरी है। अच्छे काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पुरस्कृत करेंगे।  लापरवाही बरतने वालों को दंडित भी किया जाएगा।
कलेक्टर ने नियमित रूप से अस्पताल नहीं जाने पर सीपत के चिकित्सा अधिकारी और सेक्टर सुपरवाइजर का वेतन रोकने का निर्देश दिया। साथ ही  अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर और  निष्ठापूर्वक  काम करने वाले तखतपुर स्थित ग्राम राजपुर के एएनएम और शहर के राजकिशोर नगर के चिकित्सा अधिकारी की तारीफ कर अपने निवास पर चाय के लिए आमंत्रित किया है। कलेक्टर ने कहा कि इन्हें गणतंत्र दिवस पर  सम्मानित भी करेंगे।
          कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर पीएचसी, सीएचसी जिला अस्पताल तक एक-एक संस्थान को सुविधा और जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन दिया।   उन्होने कहा कि डीएमएफ मद से सभी जरूरतों को 7 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा।  कलेक्टर ने सभी अस्पतालों की जरूरत का आकलन कर एक सप्ताह में प्रस्ताव पेश करने को कहा। समीक्षा के दौरान नाकारापन के लिए उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लगभग डेढ़ दर्जन सीएचओ को सेवा से हटाने के निर्देश दिया। कलेक्टर ने दुहराया कि इनके सेवाकाल में स्वास्थ्य सूचकांक बढ़ने के बजाय कम हुआ है। संस्थागत प्रसव और टीकाकरण में कमी आयी है।
कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए  सीएमएचओ को निर्देश दिया कि निकम्मे सीएचओ की लिस्ट सोमवार को शाम तक पेश करने को कहा। ताकि बर्खास्तगी का पुख्ता प्रस्ताव एनएचएम के राज्य कार्यालय को भेजा जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी डॉक्टरों, नर्सेज और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को अपने निर्धारित मुख्यालय पर ही निवास करने को कहा। कलेक्टर ने इस दौरान मौके पर पहुंचकर सत्यापन की भी बात कही।
              कलेक्टर श्री शरण ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए बिल्हा, तखतपुर और रतनपुर सामुदायिक अस्पतालों में पोषण पुनर्वास केन्द्र खोले जाएंगे। डीएमएफ मद से वित्तीय सहयोग लेकर इनका संचालन किया जाएगा। अभी तक जिले में केवल जिला अस्पताल में ही एनआरसी संचालित थी। जिला अस्पताल की एनआरसी की वर्तमान क्षमता को भी 15 से बढ़ाकर 30 किया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि हमारी पीएचसी, सीएचसी यदि पूरी क्षमता से काम करें तो मरीजों को छोटी छोटी बीमारी के इलाज के लिए सिम्स अथवा जिला अस्पताल जाना नहीं पड़ेगा और बड़े शासकीय अस्पताल रेफरल और गंभीर मरीजों पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति का प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनना चाहिए।  हर परिवार को 5 लाख रुपए तक इलाज इससे निःशुल्क मिलता है। शहरी क्षेत्रों में राशन दुकान और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत को जोडकर इसकी शतप्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित की जाए। फिलहाल 63 फीसदी लोगों को आयुष्मान कार्ड मिला हुआ है।

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