केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ‘गंगाजल’ को जीएसटी से छूट दी गई है। सीबीआईसी ने कहा है कि देश भर के घरों में पूजा में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और इस पूजा सामग्री को जीएसटी के तहत छूट दी गई है। 18-19 मई 2017 और 3 जून 2017 को हुई जीएसटी परिषद की क्रमशः 14वीं और 15वीं बैठक में पूजा सामग्री पर जीएसटी पर विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें छूट सूची में रखने का निर्णय लिया गया। इसलिए, जीएसटी लागू होने के बाद से ही इन सभी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखा गया है।
इसस पहले कांग्रेस ने गंगाजल पर कथित तौर पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के लिए गुरुवार को मोदी सरकार की आलोचना की थी और इसे लूट व पाखंड की पराकाष्ठा करार दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर (अब एक्स) पर एक पोस्ट में कहा, ”मोदी जी, मोक्ष प्रदाता मां गंगा का महत्व एक आम भारतीय के लिए जन्म से लेकर जीवन के अंत तक बहुत अधिक है। यह अच्छा है कि आप आज उत्तराखंड में हैं, लेकिन आपकी सरकार ने पवित्र गंगा जल पर ही 18% जीएसटी लगा दिया है।” उन्होंने कहा, “आपने एक बार भी नहीं सोचा कि उन लोगों पर क्या असर पड़ेगा जो अपने घरों में गंगाजल रखने इसे ऑर्डर देकर मंगाते हैं। यह आपकी सरकार की लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।”
इसके बाद सीबीआईसी की ओर से इस मसले पर स्थिति साफ की और बताया कि गंगाजल को जीएसटी लागू होने के बाद से ही कर के दायरे से बाहर रखा गया है।
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