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सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ने कहा…हम सब एक परिवार…लेकिन फैसला देते समय इस बात का रखें ध्यान..जस्टिस सिन्हा ने कहा यह..
बिलासपुर—जिला न्यायपालिका न्यायिक प्रणाली का आधार होता है। बिना जिला न्यायपालिका के मजबूत न्यायिक प्रणाली की कल्पना नामुमकिन है। बदलते दौर में तकनिकी के बिना न्यायालय की कार्रवाई अधूरी है। यह बातें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई ने कही। जस्टिस गवई ने यह बातें हाईकोर्ट में जिला न्यायपालिका के समक्ष चुनोतियाँ व भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
सामाजिक आर्थिक न्याय पर जोर
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने राज्य स्तरीय कांफ्रेंस को मुख्य अतिथि से बंधोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी न्यायाधीश न्यायिक परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं। मतलब कोई अधीनस्थ नहीं है। जिला न्यायपालिका न्यायिक प्रणाली की रीढ़ और आधार है। वर्तमान परिस्थितियों में आधुनिक तकनीकी जिला न्यायपालिका के लिए बहुत ही जरूरी है।
आसंदी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि धीरे धीरे न्यायपालिका को वर्चुवल कोर्ट की तरफ जाना है। इसके लिए आधुनिक तकनीकी ज्ञान और संसाधनों का होना बहुत ही जरूरी है। जस्टसि गवाई ने कहा कि न्यायाधीश को शिष्टता के साथ ना केवल सुनना है। बल्कि बुद्धिमानी के साथ उत्तर भी देना है। सौम्यता के साथ विचार करना और  निष्पक्ष होकर फैसला करना न्यायाधीश का प्राथमिक काम है। न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है कि सामाजिक आर्थिक न्याय पर जोर दें। जस्टिस गवई ने कहा कि लंबित जमानत आवेदनों पर कहा बंदियों को जमानत देना एक नियम है। जमानत निरस्त करना अपवाद है।
न्यायाधीश का काम दैवीय कृत्य
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने अध्यक्षीय उदबोधन में गुण धर्म पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि कोर्ट के अन्दर न्यायाधीश का आचरण मायने रखता है। न्यायधीश को कोर्ट में बोलते हुए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। न्यायाधीश का कार्य दैवीय कृत के दायरे में आता है। इसलिए सतर्कता, सावधानी के साथ न्यायसंगत फैसला करें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा सशक्त और निडर जिला न्यायपालिका ही जमीनी स्तर पर लोगों के अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम है। न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास संरक्षित करने और न्याय प्रदान करने में जिला न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।
सशक्त और प्रभावी न्यायपालिका
कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों के प्रति आभार जाहिर किया। उन्होने कहा कि सामूहिक प्रयास से हम सशक्त, प्रभावी जिला न्यायपालिका सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे। विश्वास दिलाया कि कांफ्रेंस अपने उद्देश्यों को जरूर हासिल करेगा। हम लोग चुनोतियो से निपटने में सक्षम होंगे। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कांफ्रेंस में आये अतिथियों के प्रति आभार जाहिर किया।  कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल, जस्टिस पीपी साहू, जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस दीपक तिवारी, रजिस्ट्री अधिकारी ,जिला न्यायालय के न्यायाधीश बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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