इस दौरान वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वे अपना फर्ज निभाने आएं हैं। जब कोई बड़ा भाई कोई काम करता है तो सभी को मिलकर उसकी मदद करनी होती है। सहवाग ने कहा कि अनिरुद्ध चौधरी ने जनता से जो वादे किए हैं, वो उन्हें जरूर पूरा करेंगे, क्योंकि उनके पास एडमिनिस्ट्रेशन चलाने का एक्सपीरियंस है। उन्होंने कहा कि मैं तोशाम की जनता को विश्वास दिला सकता हूं कि अगर ये जीतकर आते हैं तो आपको निराश नहीं करेंगे, बल्कि खुशियां ही देंगे।
सहवाग के तोशाम पहुंचने पर कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि आमतौर पर क्रिकेटर चुनाव प्रचार में नहीं जाते, लेकिन वीरू हमेशा आते हैं। मुझे कभी बोलने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि वीरू यहां आए, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अनिरुद्ध ने कहा कि हमारी जब भी मुलाकात होती है, तो क्रिकेट के बारे में कम और निजी जिंदगी को लेकर ज्यादा बात होती है।
चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य की सेवाओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस इलाके में किसी को मेडिकल इमरजेंसी हो तो उसे हिसार या भिवानी जाना पड़ता है। साथ ही शिक्षा के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खानक गांव में माइनिंग बहुत होती है, इस वजह से वहां पॉल्यूशन बहुत है, उस पंचायत के पास रेवेन्यू तो है। इसे गांव में इस्तेमाल करने के लिए एक कमेटी बनी हुई है। इसमें सांसद-विधायक शामिल हैं, लेकिन कई बार उनके आपस में विचार न मिलने पर उस फंड का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। तोशाम में ट्रैफिक मैनेजमेंट की भी समस्या है।
तोशाम सीट पर भाई-बहन का है मुकाबला
बता दें कि तोशाम सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी और पोते अनिरूद्ध चौधरी के बीच मुकाबला है। श्रुति चौधरी अनिरूद्ध चौधरी की चचेरी बहन है। श्रुति किरण चौधरी की बेटी है तो वहीं अनिरूद्ध चौधरी बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणवीर सिंह महेंद्रा के बेटे हैं। इससे पहले श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रह चुकी है। 2024 के लोकसभा चुनावों में जब श्रुति चौधरी को टिकट नहीं मिला तो वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गई। बीजेपी की तरफ से किरण चौधरी राज्यसभा सांसद बन चुकी है। इसकी वजह से बीजेपी ने श्रुति चौधरी को तोशाम सीट से मैदान में उतारा है। तोशाम सीट पर बीजेपी अभी तक जीत नहीं कर पाई है ऐसे में बीजेपी की इस सीट पर खास नजर है।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होगा। वहीं, मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। वहीं मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले यह तारीख 1 और 4 अक्टूबर थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव किया है। आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई दी कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। बिश्नोई समाज ने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है। ये उस दिन अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में उत्सव मनाते हैं।
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